Sri Lanka Crisis: गलत जानकारी से की जा रही है श्रीलंका से भारत की तुलना, विदेश मंत्री ने कहा- देश में ऐसी स्थिति कभी नहीं आएगी
By रुस्तम राणा | Updated: July 19, 2022 21:25 IST2022-07-19T21:15:24+5:302022-07-19T21:25:22+5:30
श्रीलंका और भारत की तुलसना को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि हमें नहीं लगता की श्रीलंका जैसी स्थिति भारत में कभी आएगी।

Sri Lanka Crisis: गलत जानकारी से की जा रही है श्रीलंका से भारत की तुलना, विदेश मंत्री ने कहा- देश में ऐसी स्थिति कभी नहीं आएगी
नई दिल्ली: श्रीलंका संकट को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गलत जानकारी के आधार पर श्रीलंका तुलना भारत से की जा रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने लंका के संदर्भ में गलत सूचना वाली तुलना देखी है। लोगों ने पूछा कि क्या भारत में ऐसी स्थिति हो सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि चूंकि मामला एक बहुत करीबी पड़ोसी से संबंधित है, इसलिए सरकार स्वाभाविक रूप से इसके परिणामों और भारत के लिए इसके प्रभाव के बारे में चिंतित है। जयशंकर ने कहा, "हमने आप सभी से सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का अनुरोध करने के लिए पहल की, यह एक बहुत ही गंभीर संकट है और हम श्रीलंका में जो देख रहे हैं वह कई मायनों में एक अभूतपूर्व स्थिति है।"
उन्होंने कहा कि हमने दो प्रेजेंटेशन- एक राजनीतिक दृष्टिकोण से और दूसरा विदेश नीति के दृष्टिकोण से प्रस्तुत किए। जिससे सभी नेताओं को श्रीलंका में राजनीतिक अशांति, आर्थिक संकट, ऋण की स्थिति के बारे में समझाया गया। एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने श्रीलंका को 3.8 बिलियन डॉलर की सहायता दी है। किसी अन्य देश ने इस वर्ष श्रीलंका को इस स्तर की सहायता नहीं दी है। हम पहल कर रहे हैं कि श्रीलंका की मदद कैसे करें। आईएमएफ और अन्य देनदार संस्थाओं के साथ उनके संबंधों को सुविधाजनक कैसे बनाया जाए।
श्रीलंका और भारत की तुलसना को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि हमें नहीं लगता की श्रीलंका जैसी स्थिति भारत में कभी आएगी। हम विवेकपूर्ण वित्तीय व्यवस्था के महत्व पर रोशनी डालना चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि 1-2 राज्यों को हाइलाइट किया। हमने हर राज्य को एक क्रम में सूचिबद्ध किया। जैसे देयता की वृद्धि दर में राज्य का क्रम क्या है।
उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की राजनीति नहीं है। ये डेटा आधारित है। हमने राज्यों के बीच एक तुलना की, अगर किसी राज्य का नाम ऊपर आया तो उसका कारण भी है कि उनका कर्ज़ ज्यादा है। लेकिन हमने बैठक में ज्यादातर समय श्रीलंका पर बात की। भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि श्रीलंका से बहुत प्रबल सीख मिलती है कि सरकार उत्तरदायी होनी चाहिए, मुफ्तखोरी का कल्चर नहीं होना चाहिए।