अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा भारत : ब्लिंकन

By भाषा | Updated: July 28, 2021 23:21 IST2021-07-28T23:21:01+5:302021-07-28T23:21:01+5:30

India will continue to make significant contribution to Afghanistan's stability: Blinken | अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा भारत : ब्लिंकन

अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा भारत : ब्लिंकन

नयी दिल्ली, 28 जुलाई अमेरिका ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान के संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और इस क्षेत्र में एक नेता एवं अमेरिका के अहम सहयोगी के तौर पर भारत अफगानिस्तान की स्थिरता व विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा।

अफगानिस्तान में तालिबान के तेजी से उभरने के बीच वहां उत्पन्न हो रही स्थिति और अन्य मुद्दों पर दोनों पक्षों में व्यापक चर्चा के बाद अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यह स्पष्ट दावा किया।

अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा परिदृश्य के बीच मंगलवार शाम को भारत पहुंचे ब्लिंकन इस साल भारत आने वाले बाइडन प्रशासन के तीसरे वरिष्ठ सदस्य हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अंतत: अफगान के नेतृत्व और अफगानिस्तान के स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया वहां होनी चाहिए। भारत इस स्थिति का पिछले कई वर्षों से पक्षधर रहा है।

उन्होंने कहा, “शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान में भारत और अमेरिका की गहरी रुचि है। इस क्षेत्र में एक नेता और एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में भारत ने अफगानिस्तान की स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है और आगे भी ऐसा करना जारी रखेगा तथा हम गठबंधन सेनाओं की देश (अफगानिस्तान) से वापसी के बाद भी अफगान लोगों के हितों की अक्षुण्ण्ता एवं क्षेत्रीय स्थिरता के लिये साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।”

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के बीच इस बात पर दृढ सहमति है कि अफगानिस्तान में भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार को समावेशी होना चाहिए और उसमें अफगान लोगों का पूर्ण प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

ब्लिंकन ने तालिबान द्वारा हिंसा के जरिये नए इलाकों को अपने कब्जे में लिए जाने के संदर्भ में कहा, “ ताकत के जरिए देश को नियंत्रण में लेना एव लोगों के अधिकारों को कुचलना उस लक्ष्य को हासिल करने का रास्ता नहीं है। सिर्फ एक रास्ता है और वह है वार्ता की मेज पर आना और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद का समाधान करना।”

ब्लिंकन ने कहा कि भारत और अमेरिका इस संकल्पना के प्रति कटिबद्ध हैं कि उस देश में संघर्ष का कोई सैन्य हल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम काफी हद तक अफगानिस्तान को एक ही तरीके से देखते हैं। दोनों इस संकल्पना के प्रति कटिबद्ध हैं कि उस देश में संघर्ष का कोई सैन्य हल नहीं है। ’’

जब वह ऐसा कह रहे थे तब उनके साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी थे।

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘ हम अफगानिस्तान में अपने प्रयासों में लगे हुए हैं। हम संघर्ष का शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए संबंधित पक्षों को सार्थक तरीके से साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि तालिबान जबरन देश को अपने नियंत्रण में ले लेता है और महिलाओं समेत अपने लोगों के अधिकारों को कुचल देता है तो वह अलग-थलग पड़ सकता है।

जशंकर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सभी पक्ष शांति वार्ताओं को गंभीरता से लें।

उन्होंने कहा, “दुनिया एक स्वतंत्र, संप्रभु,लोकतांत्रिक और स्थिर अफगानिस्तान देखना चाहती है...जो खुद शांत हो और पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्वक रहे लेकिन उसकी स्वतंत्रता व संप्रभुता तभी सुनिश्चित हो पाएगी जब वह दुर्भावनापूर्ण प्रभावों से मुक्त होगा।”

उन्होंने कहा, ‘‘ इसी तरह किसी भी पक्ष द्वारा मनमाने तरीके से एकतरफा अपनी मर्जी थोपना लोकतांत्रिक नहीं होगा और उससे स्थायित्व नहीं आ सकती है और न ही ऐसे प्रयासों को वैधता मिल सकती है।

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