दुश्मन देश के छक्के छुड़ाने आया 'ज़ोरावर', जल, थल, पहाड़ में आसानी से चढ़ने में सक्षम, भारतीय सेना के लिए हल्के टैंक का किया गया अनावरण
By रुस्तम राणा | Updated: July 6, 2024 17:12 IST2024-07-06T17:12:17+5:302024-07-06T17:12:17+5:30
डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी कामथ के अनुसार, सभी परीक्षणों के बाद वर्ष 2027 तक ज़ोरावर टैंक को भारतीय सेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। एलएंडटी के कार्यकारी उपाध्यक्ष अरुण रामचंदानी ने कहा कि संयुक्त विकास मॉडल ने बड़ी सफलता हासिल की है और इतने कम समय में इसे विकसित किया गया है।

दुश्मन देश के छक्के छुड़ाने आया 'ज़ोरावर', जल, थल, पहाड़ में आसानी से चढ़ने में सक्षम, भारतीय सेना के लिए हल्के टैंक का किया गया अनावरण
हजीरा (गुजरात): भारत ने शनिवार को हल्के टैंक ज़ोरावर का अनावरण किया। भारतीय सेना के लिए विकसित किए जा रहे टैंक प्रोजेक्ट की समीक्षा आज गुजरात के हजीरा में डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामथ ने की। ज़ोरावर को डीआरडीओ द्वारा पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारतीय सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है ताकि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चीनी तैनाती का मुकाबला किया जा सके। अपने हल्के वजन और उभयचर क्षमताओं के साथ यह टैंक भारी वजन वाले टी-72 और टी-90 टैंकों की तुलना में पहाड़ों की खड़ी चढ़ाई और नदियों और अन्य जल निकायों को आसानी से पार कर सकता है।
डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी कामथ के अनुसार, सभी परीक्षणों के बाद वर्ष 2027 तक ज़ोरावर टैंक को भारतीय सेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। एलएंडटी के कार्यकारी उपाध्यक्ष अरुण रामचंदानी ने कहा कि संयुक्त विकास मॉडल ने बड़ी सफलता हासिल की है और इतने कम समय में इसे विकसित किया गया है।
#WATCH | Hazira, Gujarat: As per DRDO chief Dr Samir V Kamath, the tank Zorawar is expected to be inducted into the Indian Army by the year 2027 after all trials.
— ANI (@ANI) July 6, 2024
L&T Executive Vice President Arun Ramchandani said that the joint development model has achieved big success and… https://t.co/qElIVwB079pic.twitter.com/qG9nuFuuYJ
25 टन वजनी लाइट टैंक ज़ोरावर एक नया डिज़ाइन है जिसे परीक्षण के लिए तेज़ी से तैयार किया गया है। शुरुआत में सेना को 59 टैंक दिए जाएँगे, जबकि 295 अतिरिक्त इकाइयों के लिए दीर्घकालिक योजना है। भारतीय वायु सेना का C-17 परिवहन विमान अपने हल्के वजन और पहाड़ी क्षेत्रों में तेज़ गति से चलने की क्षमता के कारण एक बार में दो टैंक ले जा सकता है।
गोला-बारूद का पहला बैच बेल्जियम से मंगाया गया है, लेकिन DRDO इसे स्वदेशी रूप से विकसित करने की तैयारी कर रहा है। अगले 12-18 महीनों में परीक्षण समाप्त होने की उम्मीद है, संभवतः इसके तुरंत बाद शामिल किए जाने की संभावना है।