भारत ने म्यामांर सीमा पर 'मुक्त आवाजाही' को तत्काल प्रभाव से बंद किया, गृह मंत्रालय ने आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने लिए उठाया बड़ा कदम
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 8, 2024 01:47 PM2024-02-08T13:47:05+5:302024-02-08T13:58:10+5:30
गृह मंत्रालय ने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत-म्यांमार के बीच "मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को तत्काल निलंबित करने" की घोषणा की है।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और म्यांमार की सीमा से लगे भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों की जनसांख्यिकीय संतुलन को बनाए रखने के लिए भारत-म्यांमार के बीच "मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को तत्काल निलंबित करने" की घोषणा की है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अमित शाह ने कहा, "चूंकि विदेश मंत्रालय इसे खत्म करने की प्रक्रिया में है, इसलिए गृह मंत्रालय भी दोनों देशों के मध्य मुक्त आवाजाही को तत्काल निलंबित करने की सिफारिश की है।"
गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये एक पोस्ट में घोषणा करते हुए कहा, "भारत और म्यांमार के बीच एफएमआर को खत्म करने का उद्देश्य राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा की रक्षा करना और म्यांमार के साथ सीमा साझा करने वाले भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को संरक्षित करना है।"
It is Prime Minister Shri @narendramodi Ji's resolve to secure our borders.
— Amit Shah (@AmitShah) February 8, 2024
The Ministry of Home Affairs (MHA) has decided that the Free Movement Regime (FMR) between India and Myanmar be scrapped to ensure the internal security of the country and to maintain the demographic…
गृहमंत्री शाह ने कहा, "हमारी सीमाओं को सुरक्षित करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है। गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और जनसांख्यिकीय बनाए रखने के लिए भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म कर दिया गया है।"
शाह ने पोस्ट में कहा, "म्यांमार की सीमा से लगे भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों की संरचना। चूंकि विदेश मंत्रालय वर्तमान में इसे खत्म करने की प्रक्रिया में है, इसलिए एमएचए ने एफएमआर को तत्काल निलंबित करने की सिफारिश की है।"
यह गृहमंत्री के उस बयान के ठीक दो दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि सरकार ने पूरी 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया है।
शाह ने घोषणा की कि 6 फरवरी को निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर एक गश्ती मार्ग भी बनाया जाएगा। इसके अलावा मंत्री ने कहा था हाइब्रिड निगरानी प्रणाली (एचएसएस) के माध्यम से बाड़ लगाने की दो पायलट परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं और वे अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में प्रत्येक 1 किमी की दूरी पर बाड़ लगाएंगे।
गृहमंत्री ने आगे कहा, "इसके अतिरिक्त मणिपुर में लगभग 20 किलोमीटर तक बाड़ लगाने के काम को भी मंजूरी दे दी गई है और काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।"
मालूम हो कि अवैध प्रवासियों और विद्रोहियों की आमद को रोकने के सरकार के प्रयास में एफएमआर को खत्म करने की गई ताजा घोषणा भारत-म्यांमार संबंधों में बेहद महत्वपूर्ण है।
यह योजना विवाद के उस बिंदु को समाप्त करने के लिए विचार का हिस्सा है क्योंकि स्थानीय निवासियों की शिकायत है कि एफएमआर नीति विवाद का अक्सर दुरुपयोग होता है और इससे म्यांमार की ओर से अवैध आप्रवासन, नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी हो रही है।
मणिपुर सरकार आंतरिक हिंसा के साथ-साथ इस मुद्दे का भी गंभीरता से सामना कर रही है। उसके अलावा पूर्वोत्तर के अन्य राज्य भी इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठा चुके हैं। मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश तक फैली 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर मुफ्त आवाजाही की सुविधा थी। जिसके तहत भारत-म्यांमार सीमा के पास रहने वाले व्यक्तियों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्रों में 16 किमी की यात्रा करने की अनुमति थी। साल 2018 में शुरू की गई एफएमआर नीति भारत की एक्ट ईस्ट नीति का महत्वपूर्ण कदम था।
एफएमआर नीति के अनुसार पहाड़ी जनजातियों से संबंधित लोग, जो भारत या म्यांमार के नागरिक हैं और सीमा के दोनों ओर 16 किमी के दायरे में रहते हैं। एक वर्ष के लिए वैध सीमा पास के साथ पार कर सकते हैं, जिससे अधिकतम प्रति यात्रा दो सप्ताह तक रहने की अनुमति मिलती है।