''संशोधित नागरिकता कानून रद्द करे भारत'', कोरोना से जंग के बीच ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा

By भाषा | Published: April 11, 2020 05:50 AM2020-04-11T05:50:13+5:302020-04-11T05:50:13+5:30

मानवाधिकार संस्था के दक्षिण एशिया क्षेत्र की निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने 82 पन्नों की रिपोर्ट ‘शूट दी ट्रेटर्स: डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट मुस्लिम्स अंडर इंडियाज न्यू सिटिजनशिप पॉलिसी’ जारी करते हुए कहा कि नया संशोधित नागरिकता कानून भारत के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन करता है जिनके मुताबिक नस्ल, रंग, वंश, राष्ट्र आदि के आधार पर नागरिकता देने से इनकार नहीं किया जा सकता।

India should cancel the citizenship Amendment Act: Human Rights Watch | ''संशोधित नागरिकता कानून रद्द करे भारत'', कोरोना से जंग के बीच ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि भारत को संशोधित नागरिकता कानून तुरंत रद्द करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत की शरण संबंधी या शरणार्थी नीति धर्म अथवा किसी भी आधार पर भेदभाव करने वाली नहीं हो तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के मानकों के अनुरूप हो।रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सरकार की नीतियों ने भीड़ हिंसा और पुलिस की निष्क्रियता के लिए दरवाजे खोले जिससे देशभर में मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बीच डर पैदा हुआ है।

ह्यूमन राइट्स वॉच ने शुक्रवार को कहा कि भारत को संशोधित नागरिकता कानून तुरंत रद्द करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत की शरण संबंधी या शरणार्थी नीति धर्म अथवा किसी भी आधार पर भेदभाव करने वाली नहीं हो तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के मानकों के अनुरूप हो।

मानवाधिकार संस्था के दक्षिण एशिया क्षेत्र की निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने 82 पन्नों की रिपोर्ट ‘शूट दी ट्रेटर्स: डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट मुस्लिम्स अंडर इंडियाज न्यू सिटिजनशिप पॉलिसी’ जारी करते हुए कहा कि नया संशोधित नागरिकता कानून भारत के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन करता है जिनके मुताबिक नस्ल, रंग, वंश, राष्ट्र आदि के आधार पर नागरिकता देने से इनकार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की है लेकिन भेदभाव तथा मुस्लिम-विरोधी हिंसा के खिलाफ लड़ाई के लिए एकजुटता का अब तक आह्वान नहीं किया है।’’

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सरकार की नीतियों ने भीड़ हिंसा और पुलिस की निष्क्रियता के लिए दरवाजे खोले जिससे देशभर में मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बीच डर पैदा हुआ है।

Web Title: India should cancel the citizenship Amendment Act: Human Rights Watch

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