अफगानिस्तान से उत्पन्न किसी भी विकट परिस्थिति से निपटने के लिए भारत को तैयार रहना होगा : श्रृंगला
By भाषा | Updated: October 9, 2021 22:56 IST2021-10-09T22:56:24+5:302021-10-09T22:56:24+5:30

अफगानिस्तान से उत्पन्न किसी भी विकट परिस्थिति से निपटने के लिए भारत को तैयार रहना होगा : श्रृंगला
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शनिवार को कहा कि अशांत अफगानिस्तान से उत्पन्न किसी भी विकट परिस्थिति से निपटने के लिए भारत को तैयार रहना होगा और पड़ोसी देश में मानवीय संकट एवं प्रशासनिक व्यवस्था के अभाव में स्थिति और खराब हो सकती है।
‘इंडिया टुडे’ कान्क्लेव के एक सत्र के दौरान विदेश सचिव ने कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत भी अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता देना चाहता है।
विदेश सचिव ने कहा, ‘‘जहां तक मानवीय सहायता की बात है अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई अन्य सदस्यों की तरह हमने भी कहा है कि अफगानिस्तान के लोगों की जरूरतें एवं वहां सत्ता में बैठे लोग.. दोनों को हम अलग-अलग रखते हैं।’’
अफगानिस्तान में घटनाक्रमों के बाद नयी दिल्ली की सुरक्षा चिंताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश की स्थिति का भारत पर असर नहीं पड़े, इसके लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया लेकिन कहा, ‘‘ इस स्थिति के प्रभाव को हम पहले ही देख रहे हैं। चाहे इसका प्रत्यक्ष संबंध है या नहीं, हम निश्चित नहीं हैं ।’’
श्रृंगला ने कहा, ‘‘ लेकिन इसको लेकर चिंताएं हैं और हमें अपनी कूटनीति के उपायों और सभी उपलब्ध उपायों का उपयोग करना होगा ताकि हम इसके परिणामों से अप्रभावित रह सके जो हमारे हितों के खिलाफ हो ।’’
विदेश सचिव ने कहा कि भारत को अशांत अफगानिस्तान से उत्पन्न किसी भी विकट परिस्थिति से निपटने के तैयार रहना होगा और वहां मानवीय संकट एवं प्रशासनिक व्यवस्था के अभाव में स्थिति और खराब हो सकती है।
उन्होंने कहा कि भारत को ऐसी ताकतों से सजग रहना होगा जो इन स्थितियों का फायदा उठाकर दूसरों को हानि पहुंचाना चाहते हैं ।
श्रृंगला ने अफगानिस्तान में सरकार गठन के समय पाकिस्तान की खुफिया विभाग आईएसआई के शीर्ष अधिकारी की उस देश की यात्रा का भी जिक्र किया ।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक सरकार के गठन को भी देखा है जो समावेशी एवं प्रतिनिधित्व वाली नहीं हैं ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि आईएसआई के महानिदेशक वहां (अफगानिस्तान में) सरकार गठन के समय गए और 35 सदस्यीय मंत्रिमंडल के गठन में मदद पहुंचायी जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषण की सूची में शामिल घोषित लोग भी हैं ।
तालिबान के साथ सम्पर्क को लेकर एक सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने कतर में राजदूत दीपक मित्तल के साथ तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकजई की अगस्त में दोहा में मुलाकात का जिक्र किया ।
उन्होंने कहा कि हमें कुछ अश्वासन मिले और कुछ बातें कही गई कि वे किस प्रकार से हमारी सहभागिता देखना चाहते हैं ।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि विकास के मोर्चे पर हमारी सहभागिता और राजनयिक मौजूदगी को लेकर वे सकारात्मक थे। लेकिन हमें सावधानीपूर्वक देखना होगा कि चीजे कैसे आगे बढ़ती हैं।
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