Coronavirus Update: संयुक्त अरब अमीरात सहित 55 देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात करेगा भारत

By निखिल वर्मा | Updated: April 16, 2020 17:40 IST2020-04-16T17:36:53+5:302020-04-16T17:40:02+5:30

भारत विश्व में मलेरिया रोधी दवा का प्रमुख निर्माता है, जो पूरी दुनिया में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति का 70 प्रतिशत उत्पादन करता है।

India has also approved supply of Hydroxychloroquine HCQ to the UAE and 55 other country | Coronavirus Update: संयुक्त अरब अमीरात सहित 55 देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात करेगा भारत

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsआईसीएमआर ने कोरोना के संदिग्ध एवं संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे चिकित्साकर्मियों के लिये भी ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ दवा के इस्तेमाल को बचाव के लिये जरूरी बताया है।इपका लैबोरेटरीज, जाइडस कैडिला और वालेस फार्मास्युटकिल्स शीर्ष दवा कंपनियां हैं जो देश में एचससीक्यू का विनिर्माण करती हैं।

भारत ने संयुक्त अरब अमीरात सहित 55 देशों को मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति करने का निर्णय लिया है।हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोविड-19 के उपचार के लिए संभावित दवा के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मांग पर भारत पहले ही दवा की एक खेप अमेरिका को भेज चुका है।

दुनिया में आपूर्ति होने वाली कुल हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन में भारत की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। देश में हर महीने 40 टन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) उत्पादन की क्षमता है। यह 200-200 एमजी के करीब 20 करोड़ टैबलेट के बराबर बैठता है। चूंकि इस दवा का उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी ‘आटो इम्यून’ बीमारी के इलाज में भी किया जाता है, इसके कारण विनिर्माताओं के पास उत्पादन क्षमता अच्छी है जिसे वे कभी भी बढ़ा सकते हैं।

इपका लैबोरेटरीज, जाइडस कैडिला और वालेस फार्मास्युटकिल्स शीर्ष दवा कंपनियां हैं जो देश में एचससीक्यू का विनिर्माण करती हैं। हाल ही में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने करीब 10 करोड़ एचसीक्यू टैबलेट का आर्डर इपका लैबोरेटरीज और जाइडस कैडिला को दिया।

भारत एचसीक्यू में इस्तेमाल 70 प्रतिशत जरूरी रसायन चीन से लेता है और फिलहाल आपूर्ति स्थिर है। दवा उद्योग के अधिकारियो का कहना है कि देश में एचसीक्यू के पर्याप्त भंडार हैं और कंपनियां घरेलू मांग के साथ-साथ निर्यात को पूरा करने में सक्षम हैं।

भारत ने 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर बैन लगाया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर कहा कि भारत अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन उपलब्ध कराए। बाद में उन्होंने दवा की सप्लाई नहीं करने पर जवाबी कार्रवाई की भी बात की थी।

इसके बाद भारत सरकार ने इन दोनों दवाओं पर लगाए गए बैन को आंशिक रूप से हटा लिया और कहा कि घरेलू जरूरतों का हिसाब लगाने के बाद ही कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित देशों की मांग पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति को लेकर फैसला लिया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ उन देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। 

Web Title: India has also approved supply of Hydroxychloroquine HCQ to the UAE and 55 other country

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