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चीन ने फिर की चालबाजी, सैटेलाइट इमेज से खुलासा, पैंगोंग फॉक्सहोल पॉइंट से 3 KM की दूरी पर चीनी सेना मौजूद

By पल्लवी कुमारी | Updated: July 19, 2020 07:57 IST

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 5 जुलाई 2020 को टेलीफोन पर बातचीत की थी। जिसमें इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों पक्षों वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूरी तरह से पीछे हटने और सीमावर्ती क्षेत्रों में द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकाल के तहत से पूरी तरह से शांति बहाल करने की कोशिश करेंगे। 

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ठळक मुद्देभारत और चीन में मई महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर गतिरोध जारी है। भारत-चीन सीमा तनाव गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से और बढ़ गया था, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा गतिरोध के बीच कुछ दिनों पहले खबरें आई कि दोनों देशों ने आपसी बातचीच में तय किया है कि वह एक-दूसरे के क्षेत्र में नहीं आएंगे। लेकिन लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच चीन अपनी बातों पर अमल करते नहीं दिख रहा है। शनिवार (18 जुलाई) को ली गई सैटेलाइट इमेज में दिख रहा है कि चीन अब भी पैंगोंग के फॉक्सहोल पॉइंट से 4 से 3 किलोमीटर की दूरी पर चीनी सेना मौजूद है। हालांकि इसके पहले यह दावा किया गया था कि चीन की सेना पैंगोंग के फिंगर चार से फिंगर पांच तक वापस चली गई है। 

पैंगोंग के हालिया सैटलाइट तस्वीरों को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनालिस्ट Detresfa ने जारी की है।  Detresfa की सैटलाइट तस्वीर के मुताबिक, 'foxhole' पॉइंट के पूर्व में 3 किलोमीटर की दूरी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) मौजूद है। उन्होंने यह भी लिखा है कि वहीं इस कैंप से कुछ किलोमीटर पीछे चीनी सेना के सपोर्ट कैंप भी मौजूद है।

वहीं एक अन्य सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक, चीन ने लेह से 382 किलोमीटर दूर शिनजियांग प्रांत में होटान एयरबेस को भारत के खिलाफ मजबूत किया है। यहां फाइटर एयरक्राफ्ट, अर्ली वार्निंग अवाक्स एयरक्राफ्ट और एयर डिफेंस यूनिट्स की तैनाती की गई है।

पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने की प्रक्रिया तनातनी की स्थिति के समाधान के लिये है: विदेश मंत्रालय

भारत ने गुरुवार ( 16 जुलाई) को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के संबंध में जारी प्रक्रिया, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी की स्थिति के समाधन को लेकर है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है तथा एकतरफा ढंग से यथास्थिति में किसी तरह के बदलाव का प्रयास अस्वीकार्य होगा। उन्होंने कहा था कि भारत और चीन स्थापित कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति को लेकर बातचीत कर रहे हैं। 

प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूरी तरह से पीछे हटने और सीमावर्ती क्षेत्रों में पूरी तरह से शांति बहाल करने को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने के उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। भारत और चीन स्थापित कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति को लेकर बातचीत कर रहे हैं और इनके परिणामों को हासिल करने के लिये इसे जारी रखेंगे। 

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