पूर्वी लद्दाख में विवाद को सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच हुई 15वें दौर की सैन्य वार्ता, इन मुद्दों पर दिया गया जोर
By मनाली रस्तोगी | Updated: March 12, 2022 09:31 IST2022-03-12T09:30:01+5:302022-03-12T09:31:25+5:30
भारत और चीन ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर 22 महीने से जारी गतिरोध को हल करने के लिए 15वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता की। सूत्रों ने बताया कि कोर-कमांडर स्तर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में चुशुल-मोल्दो 'बार्डर प्वाइंट पर सुबह 10 बजे शुरू हुई।

पूर्वी लद्दाख में विवाद को सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच हुई 15वें दौर की सैन्य वार्ता, इन मुद्दों पर दिया गया जोर
नई दिल्ली:भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के चुशुल में कोर कमांडर स्तर की 15वीं वार्ता लगभग 13 घंटे तक चली, जोकि शुक्रवार रात 11 बजे समाप्त हुई। इस दौरान भारतीय पक्ष ने अप्रैल-मई 2020 में शुरू हुए सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए क्षेत्र में शेष घर्षण बिंदुओं के समाधान पर जोर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई ने सेना के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी। बता दें कि इससे दो महीने पहले हुई वार्ता में गतिरोध को हल करने में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई थी।
15th round of Corps Commander level talks b/w India & China at Chushul,Eastern Ladakh lasted for around 13 hrs&concluded at 11 PM y'day.Indian side pushed for resolution of remaining friction points in area to address military standoff that started in April-May 2020: Army Sources
— ANI (@ANI) March 12, 2022
जानकारी के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में चुशुल-मोल्दो ‘बार्डर प्वाइंट’ पर कोर-कमांडर स्तर की वार्ता सुबह 10 बजे शुरू हुई। वार्ता के दौरान हॉट स्प्रिंग्स (पेट्रोलिंग प्वाइंट-15) क्षेत्रों में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यही नहीं, लेह स्थित 14वीं कोर के नवनियुक्त कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
वहीं, वार्ता में चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल यांग लिन को करना था। मालूम हो, अब तक की बातचीत के परिणामस्वरूप पैंगोंग त्सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारे, गालवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों के उत्तर और दक्षिण बैंक का समाधान हो चुका है। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 14वें दौर की बातचीत 12 जनवरी को हुई थी और टकराव वाले शेष स्थानों गतिरोध का हल करने में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई थी।