'कल्कि भगवान' के आश्रमों पर छापे, 409 करोड़ रुपये की बेनामी नकदी की रसीद मिली, LIC क्लर्क के रूप में की थी करियर की शुरुआत
By विनीत कुमार | Updated: October 18, 2019 19:26 IST2019-10-18T19:26:31+5:302019-10-18T19:26:31+5:30
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के अनुसार पिछले दो दिनों में खुद को 'कल्कि भगवान' कहने वाले विजय कुमार नाडयू के करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी की गई।

'कल्कि भगवान' के आश्रमों पर छापे (फाइल फोटो)
खुद को 'कल्कि भगवान' कहने वाले विजय कुमार नाडयू के स्थापित कंपनी समूह के परिसरों पर पड़े छापों के दौरान करीब 409 करोड़ रुपये की बेनामी नकदी प्राप्तियां बरामद हुई हैं। इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के अनुसार पिछले दो दिनों में उनके 40 से अधिक ठिकानों पर यह छापेमारी हुई है। यह छापेमारी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में एक साथ की गई। कल्कि आश्रम पर जमीनों को हड़पने और टैक्स चोरी का आरोप है। साथ ही कल्कि ट्रस्ट के फंड को लेकर भी मैनेजमेंट निशाने पर है।
आयकर विभाग के अनुसार आंध्र प्रदेश के वरदैयाहपालेम, चेन्नई और बेंगलुरू में ‘आरोग्य पाठ्यक्रम’ चलाने वाली कंपनियों और ट्रस्टों के परिसरों पर छापे मारे गये। आयकर विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बेहिसाब नकदी का प्रारंभिक आकलन बताता है कि वित्त वर्ष 2014-15 के बाद से 409 करोड़ रुपये की प्राप्तियां हुईं। हालांकि आयकर विभाग ने कल्कि भगवान का नाम नहीं लिया है और उनकी पहचान केवल एकात्मता दर्शन वाले आध्यात्मिक गुरू के तौर पर की है।
LIC क्लर्क के रूप में की थी करियर की शुरुआत
विजय कुमार नायडू ने एलआईसी के क्लर्क के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद नौकरी छोडड़कर उन्होंने एक शिक्षण संस्थान की। हालांकि, शिक्षण संस्थान जब सफल नहीं रहा तो वह भूमिगत हो गया। इसके बाद चित्तूर में 1989 में विजय कुमार एक बार फिर प्रकट हुआ और खुद के भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि भगवान के अवतार का दावा करने लगे।
विजय नायडू के सालों भर यहां देश-विदेश के भक्तों की लंबी लाइन लगी रहती है। रिपोर्ट्स के अनुसार आयकर विभाग ने जिन ठिकानों पर छापेमारी की उसमें इनका मुख्य आश्रम आंध्र प्रदेश के चित्तूर का वैरादेहपलेम भी शामिल है। बताया जाता है कल्कि भगवान के दर्शन के लिए भक्तों को 5 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं।
(भाषा इनपुट)