दिल्ली मास्टर प्लान 2041 में लैंगिक मुद्दों पर अध्याय शामिल करें, नागरिक संस्थाओं की मांग

By भाषा | Published: July 15, 2021 07:40 PM2021-07-15T19:40:29+5:302021-07-15T19:40:29+5:30

Include chapter on gender issues in Delhi Master Plan 2041, demand for civic bodies | दिल्ली मास्टर प्लान 2041 में लैंगिक मुद्दों पर अध्याय शामिल करें, नागरिक संस्थाओं की मांग

दिल्ली मास्टर प्लान 2041 में लैंगिक मुद्दों पर अध्याय शामिल करें, नागरिक संस्थाओं की मांग

नयी दिल्ली, 15 जुलाई तेजी से शहरीकरण की दुनिया में महिलाओं की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए नागरिक संस्थाओं और लोक नीति विशेषज्ञों के एक समूह ने बृहस्पतिवार को डीडीए से दिल्ली के मास्टर प्लान (एमपीडी) 2041 के मसौदे में लैंगिक मुद्दों पर एक अलग अध्याय जोड़ने का अनुरोध किया।

समूह के सदस्यों ने संवाददाता सम्मेलन में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सार्वजनिक सुझाव और आपत्तियां देने की समय सीमा 23 जुलाई से आगे बढ़ाने का आग्रह किया। इस समूह में शहरी नियोजन विशेषज्ञ और शोधकर्ता भी शामिल थे। एमपीडी 2041 का मसौदा दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की वेबसाइट पर जून की शुरुआत में उपलब्ध कराया गया था और लोगों के सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं।

रात में आर्थिक गतिविधियां जारी रहने, व्यापक परिवहन बुनियादी ढांचे, सभी के लिए किफायती आवास और स्वच्छ वातावरण के साथ ‘24 घंटे का शहर’ बनाने से लेकर अनधिकृत कॉलोनियों और प्रदूषण को रोकना - ये उन मार्गदर्शक सिद्धांतों का हिस्सा हैं जिन्हें डीडीए ने 2041 के मास्टर प्लान के लिए निर्धारित किया है। दृष्टिकोण दस्तावेज में मुख्य रूप से पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, गतिशीलता, विरासत, संस्कृति और सार्वजनिक स्थानों की नीतियों को शामिल किया गया है।

‘मैं भी दिल्ली कैंपेन’ के बैनर तले बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह 40 से अधिक नागरिक संस्थाओं, कार्यकर्ताओं, शोधकर्ताओं और नागरिकों का एक समूह है, जो पिछले तीन वर्षों में मास्टर प्लान संशोधन प्रक्रिया में लगा हुआ है। कैंपेन के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।

‘सेफटिपिन’ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कल्पना विश्वनाथ ने कहा कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना ने महिलाओं की सुरक्षा के मामले में दिल्ली की छवि और धारणा को बदल दिया था और कई परिवार अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए शहर भेजने से हिचकिचा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘डीडीए द्वारा तैयार किया गया मसौदा मास्टर प्लान लैंगिक मुद्दों पर चुप या तटस्थ है, और दिल्ली जैसे शहरी क्षेत्र के लिए अगर हम अगले 20 वर्षों में एक खुशहाल और अधिक समृद्ध शहर बनाना चाहते हैं, तो महिला सुरक्षा को अलग से ध्यान में रखना होगा।’’ विश्वनाथ ने कहा, ‘‘इसलिए, योजना में एक अलग अध्याय जोड़ने की जरूरत है। इसके अलावा, समाज के अन्य कमजोर वर्गों जैसे कि बच्चे, बुजुर्ग, ट्रांसजेंडर, बेघर और हाशिए के लोगों को भी इस वर्ग में शामिल किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर डीडीए रात के समय आर्थिक गतिविधियां जारी रखने वाली अर्थव्यवस्था बनाने की बात करता है, तो उसे यह भी देखना चाहिए कि महिलाओं और अन्य लोगों के लिए देर रात बाहर निकलना कितना सुरक्षित होगा।’’ संपर्क करने पर डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली मास्टर प्लान 2041 के मसौदे को सार्वजनिक किया गया है और लोग सुझाव या आपत्ति भेज सकते हैं। समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘हम शहर नियोजन प्रक्रिया को और अधिक सहभागी और समावेशी बनाने के लिए मांगों और सिफारिशों का एक चार्टर जारी करेंगे।’’

इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स (आईआईएचएस) के गौतम भान ने कम से कम तीन महीने तक सार्वजनिक सुझाव और आपत्तियां जमा करने के लिए समय सीमा 45 दिन बढ़ाने की मांग करते हुए कहा, ‘‘मसौदा बनाते समय संदर्भित आधारभूत अध्ययनों को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।’’ सेवा भारत की सुभद्रा पांडेय ने घरेलू सहायकों और कामगारों की जरूरतों के बारे में बताया। अन्य वक्ताओं ने मसौदा योजना में बेघरों के लिए प्रावधानों के बारे में बात करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी का सबसे अधिक प्रभाव बेघरों पर पड़ा है।

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Web Title: Include chapter on gender issues in Delhi Master Plan 2041, demand for civic bodies

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