3 साल में 25 हजार से ज्यादा लोगों ने की आत्महत्या, बेरोजगारी के चलते 9,140 तो कर्ज में डूबे 16000 ने ली अपनी जान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 10, 2022 11:22 IST2022-02-10T11:04:51+5:302022-02-10T11:22:28+5:30
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2020 में 5,213 लोगों ने दिवालियापन या कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या की...

3 साल में 25 हजार से ज्यादा लोगों ने की आत्महत्या, बेरोजगारी के चलते 9,140 तो कर्ज में डूबे 16000 ने ली अपनी जान
नयी दिल्लीः सरकार ने बुधवार को संसद में देश में बेरोजगारी व दिवालिया होने के कारण आत्महत्या करनेवालों के आंकड़े दिए। सरकार ने कहा कि 2018 से 2020 के बीच 16,000 से अधिक लोगों ने दिवालिया होने या कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या कर ली जबकि 9,140 लोगों ने बेरोजगारी के चलते अपनी जान दे दी।
2019 में सबसे ज्यादा लोगों ने की आत्महत्या
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2020 में 5,213 लोगों ने दिवालियापन या कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या की जबकि 2019 में यह संख्या 5,908 और 2018 में 4,970 थी। उन्होंने कहा कि 2020 में 3,548 लोगों ने जबकि 2019 में 2,851 और 2018 में 2,741 लोगों ने बेरोजगारी के चलते आत्महत्या की।
गृह राज्य मंत्री ने आगे कहा कि सरकार राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) को लागू कर रही है और देश के 692 जिलों में NMHP के तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) के कार्यान्वयन का समर्थन कर रही है जो आत्महत्या रोकथाम सेवाएं प्रदान करता है।
'आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना' के जरिए प्रोत्साहित कर रही सरकार
मंत्री ने कहा कि बेरोजगारी कम करने के लिए सरकार रोजगार सृजन के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की है। उन्होंने कहा, सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ और बेरोजगारी की बहाली के साथ-साथ नए रोजगार के सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) शुरू की है।