भाकपा-माले की रैली में विधायकों ने पेपर लीक को लेकर पूछे सवाल, जानें क्या है मामला
By एस पी सिन्हा | Published: February 15, 2023 05:56 PM2023-02-15T17:56:10+5:302023-02-15T18:00:20+5:30
भाकपा-माले के तरफ से बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में आयोजित लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ महारैली में पूरे राज्य से 25,000 से अधिक समर्थक जमा हुए। इसमें विधायकों ने बिहार में पेपर लीक पर सवाल खड़े किए।
पटना: भाकपा-माले के तरफ से बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में आयोजित लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ महारैली में पूरे राज्य से 25,000 से अधिक समर्थक जमा हुए। इसमें विधायकों ने बिहार में पेपर लीक पर सवाल खड़े किए।
वहीं रैली को संबोधित करते हुए माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हम सभी को सरकार के भरोसे नहीं रहना है बल्कि आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। आंदोलन की राह पर जाकर हम सरकार से अपनी बात मनवाएंगे। अपना अधिकार लेकर रहेंगे।
प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार पर उन्होंने कहा कि जब समय आएगा तब यह चेहरा साफ हो जाएगा। दीपांकर भट्टाचार्य ने विपक्षी एकता की वकालत की करते हुए कहा कि भाजपा से लड़ने के लिए विरोधी दलों को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी का जादू नहीं चलेगा? उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास बहुत सारे चेहरे हैं, जो प्रधानमंत्री पद के लिए काबिल हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ एक चेहरे की बता करती है तो वह तानाशाही है। उन्होंने कहा कि भाजपा से लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए। साल 2023 विपक्षी एकता को मजबूत करने का साल होगा। दीपांकर भट्टाचार्य ने बीबीसी कार्यालय पर हुए सर्वे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये छापेमारी दुर्भाग्यपूर्ण है।
वहीं दूसरी तरफ ये भी कहा कि अडानी मुद्दे पर सरकार की स्पष्ट चुप्पी से पता चलता है कि सरकार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। जो कतई सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी का आत्मनिर्भर नहीं बल्कि यह मोदी और अडाणी का भारत है। हर तरफ संकट ही संकट है। संकट से देश को बचाना है तो हमें एक होना होगा। केंद्र की सरकार जनता की नहीं बल्कि अमीरों की सरकार है। हिंदू मुस्लिम के नाम पर देश को बांटा जा रहा है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि हम 50 साल तक देश पर राज करेंगे। यह लोकतंत्र की भाषा नहीं बल्कि राजतंत्र की भाषा है। यह नहीं चलेगा। दीपंकर ने नरेंद्र मोदी की तुलना हिटलर से की और कहा कि अब गुजरात की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन गुजरात को हमें याद रखना होगा जैसे हिटलर को हम याद करते हैं।