ठाणे में आदिवासी महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान घंटों अस्पताल की सीढ़ियों पर बिठाए रखने का आरोप
By भाषा | Published: October 10, 2021 06:14 PM2021-10-10T18:14:34+5:302021-10-10T18:14:34+5:30
ठाणे, 10 अक्टूबर महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी में एक सरकारी अस्पताल पर 28 वर्षीय आदिवासी महिला को करीब 11 घंटे अस्पताल की सीढ़ियों पर बिठाए रखने का आरोप लगाया गया है। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने रविवार को आरोप लगाया कि अस्पताल ने महिला के रिश्तेदारों से पहले उसका मेडिकल परीक्षण कराने को कहा।
कार्यकर्ता प्रमोद पवार ने कहा कि घटना शनिवार को इंदिरा गांधी मेमोरियल (आईजीएम) अस्पताल में हुई।
हालांकि, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि गर्भवती महिला को अस्पताल के बाहर घंटों बिठाया गया और जब उन्हें इस बारे में सूचित किया गया, तो उन्होंने तुरंत उसे भर्ती करने की व्यवस्था की।
पवार ने कहा, ''भिवंडी के पास एक गांव की रहने वाली रोहिणी मारुति मुक्ने नाम की महिला को प्रसव पीड़ा हुई और उसे कल दोपहर करीब एक बजे अस्पताल लाया गया। हालांकि, अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया और आधी रात तक उसे सीढ़ियों पर ही इंतजार कराया। स्टाफ ने उसके रिश्तेदारों से पहले उसका रक्त और अन्य परीक्षण कराने तथा खून की आपूर्ति करने की व्यवस्था करने के लिये कहा।
इसकी जानकारी जब कार्यकर्ता व उनके संगठन के अन्य सदस्यों को हुई तो उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के समक्ष मामला उठाया।
उन्होंने कहा कि अंत में, अस्पताल चिकित्सा अधीक्षक ने हस्तक्षेप किया और महिला को अंततः अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आईजीएम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक राजेश मोरे से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि महिला को अस्पताल के बाहर बिठाया गया था।
उन्होंने कहा, ''मुझे रात करीब 10 बजे इस बारे में पता चला तो मैंने तुरंत उसे भर्ती कराने की व्यवस्था की।
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