होम्योपैथिक दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल को सैद्धांतिक मंजूरी: आप सरकार ने अदालत से कहा
By भाषा | Updated: November 19, 2020 19:15 IST2020-11-19T19:15:28+5:302020-11-19T19:15:28+5:30

होम्योपैथिक दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल को सैद्धांतिक मंजूरी: आप सरकार ने अदालत से कहा
नयी दिल्ली, 19 नवंबर आप सरकार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि कोविड-19 से बचाव और उसके इलाज के लिए होम्योपैथी की कुछ दवाओं के क्लिनिकल परीक्षण के लिए दो डॉक्टरों की ओर से प्राप्त प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।
दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की एक पीठ को बताया कि यह मंजूरी आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों के पालन के अधीन है।
दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि इस संबंध में इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी (आईईसी) से मंजूरी लेने, मरीजों की पूर्ण सूचना वाले दस्तावेजों को शामिल करने और लिखित सहमतिपत्र और ‘क्लिनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री-इंडिया’ में परीक्षण के लिए पंजीकरण कराने की आवश्यकता होगी।
सरकार ने अदालत को बताया कि ‘‘इसका कोई वित्तीय भार दिल्ली सरकार के आयुष निदेशालय पर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसका वित्त पोषण अतिरिक्त अनुसंधान योजना के तहत भारत सरकार का आयुष मंत्रालय करेगा।’’
दो डॉक्टरों, केरल के डॉक्टर रवि एम. नायर और पश्चिम बंगाल के डॉक्टर अशोक कुमार दास ने अदालत में अर्जी देकर अनुरोध किया है कि वह केन्द्र और दिल्ली सरकारों, केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद को कोविड-19 से बचाव और उसके इलाज के लिए होम्योपैथी की दवाओं ‘आर्सेनिकम एलबम-फॉसफोरस-टुबेरकुलिनम (एपीटी)’ के कॉम्बिनेशन का परीक्षण करने की अनुमति देने का निर्देश दे।
अधिवक्ता सुविदत्त सुन्दरम के माध्यम से दी गई अर्जी में दोनों डॉक्टरों ने अनुरोध किया कि अगर मरीज की इच्छा है तो डॉक्टरों को कोविड-19 के लिए होम्योपैथी दवाएं देने की अनुमति होनी चाहिए।
मामले पर आगे की सुनवाई अब दिसंबर में होगी।
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