मुंबई, 24 फरवरी छह महीने की अंतरिम जमानत मंजूर होने के बाद कवि-कार्यकर्ता वरवरा राव के वकील ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई जमानत की शर्त के तहत दो मुचलकों की जगह उन्हें नकद बॉण्ड जमा करने की इजाजत दी जाए।
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में राव (82) को सोमवार को उच्च न्यायालय ने जमानत देते हुए कहा था वे 50 हजार रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही रकम की दो जमानत दें। इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा की जा रही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की पीठ को बुधवार को बताया कि मुचलका हासिल करने की प्रक्रिया धीमी है।
ग्रोवर ने अदालत से पूछा कि क्या वह राव की जमानत पर रिहाई सुनिश्चित करने के लिये विशेष एनआईए अदालत के समक्ष नकद बॉण्ड जमा करा सकते हैं और मुचलके की औपचारिकता बाद में पूरी कर देंगे।
अदालत ने कहा कि वह इस पर एनआईए का पक्ष सुने बिना कुछ नहीं कह सकती।
अदालत ने ग्रोवर को इस संबंध में आवेदन देने को कहा और बृहस्पतिवार सुबह इसे सुनवाई के लिये उल्लेखित किया।
न्यायमूर्ति शिंदे के नेतृत्व वाली पीठ ने सोमवार को स्वास्थ्य आधार पर राव को छह महीने की अंतरिम जमानत दे दी थी।
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