जैसलमेर में तीन वर्ष पूर्व बाइकर अस्बाक मोन की मौत के मामले में उसके दो दोस्त गिरफ्तार
By भाषा | Updated: September 29, 2021 16:56 IST2021-09-29T16:56:03+5:302021-09-29T16:56:03+5:30

जैसलमेर में तीन वर्ष पूर्व बाइकर अस्बाक मोन की मौत के मामले में उसके दो दोस्त गिरफ्तार
जैसलमेर 29 सितंबर राजस्थान पुलिस ने जैसलमेर में तीन वर्ष पूर्व ‘इंडिया-बाजा मोटर स्पोटर्स रैली’ के दौरान बाइकर अस्बाक मोन की मौत के मामले में उसके दो दोस्तों को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि बाइकर अस्बाक मोन की हत्या मामले में दोनों के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर हत्या करने एवं षडयंत्र रचने का आरोप प्रमाणिक पाये गये।
उन्होंने बताया कि मृतक मोन की पत्नी सुमेरा परवेज भी एक आरोपी है और उसने हत्या का षडयंत्र रचा था।
प्रारंभ में ऐसा माना जा रहा था कि मोन की मौत मोटर स्पोर्टस इवेंट से पूर्व 16 अगस्त 2018 को प्रशिक्षण के दौरान रेत के धारो में भूख और प्यास के कारण हुई है। उसकी पत्नी ने मौत पर कोई संदेंह व्यक्त नहीं किया था और पुलिस ने सीआरपीसी के तहत मृग (प्राकृतिक मौत)दर्ज कर मामले को बंद कर दिया था।
हालांकि, मृग की जांच करने के बाद पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने मामले को संदिग्ध माना। उसी दौरान उसके परिजनों द्वारा उच्चाधिकारियों से जांच के लिये परिवाद पेश किया जिसपर पुलिस अधीक्षक ने मामलें की जांच पुलिस निरीक्षक से कराने के निर्देश दिये।
जांच के दौरान विभिन्न बिंदुओं के आधार पर तीन वर्ष पुराने मामले में सूक्ष्मता से साक्ष्य संकलन किये गये। साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध हत्या करने एवं षडयंत्र रचने का आरोप प्रमाणिक पाये गये और मृग को हत्या के मामले में बदला गया। हत्या का मामला उसके दो दोस्त जो प्रशिक्षण के दौरान उसके साथ गये थे और उसकी पत्नी के खिलाफ दिसम्बर 2020 में दर्ज किया गया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि मोन केरल के कन्नूर का निवासी था और बेंगलुरु में रह रहा था। शुरुआत में यह माना जा रहा था कि उसकी मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है। रिपोर्ट में यह बताया गया था कि वह प्रशिक्षण के दौरान जैसलमेर के रेतीले इलाके में रास्ता भटक गया था।
उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने पिछले वर्ष मामलें को पुन: जांच के लिये खोला। फोटो साक्ष्यों के आधार पर उन्हें मोन की मौत संदिग्ध प्रतीत हुई। उसकी बाइक सही ढंग से खड़ी की गई थी और उसके शरीर पर खरोंच के निशान थे।
उन्होंने बताया कि उसके दोस्तों और पत्नी की काल्स डिटेल्स, दोस्तों का और मोन की पत्नी का उसे ढूंढने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई देने पर मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ।
मृतक मोन रैली में भाग लेने के लिये अपने दोस्तो संजय, विश्वास, साबिक, नीरज और संतोष के साथ आया था।
जांच अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक भवानी सिंह ने बताया कि गहनता से जांच के बाद संजय और विश्वास को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर जैलसमेर लाया गया। दोनों को बेंगलुरु से 22 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने बताया कि मामले में अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जायेगा।
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