कोटा (राजस्थान), 25 जुलाई अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं कॉलेज शिक्षक संगठन महासंघ (एआईएफयूसीटीओ) ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार, हितधारकों की चिंता पर ध्यान नहीं दे रही है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन और कुछ नहीं बल्कि शिक्षा का निजीकरण और व्यवसायीकरण है।
महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर केशव भट्टाचार्य ने कहा, “देश की शिक्षा व्यवस्था पर अभूतपूर्व हमला किया जा रहा है।” इसके साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों से नौ अगस्त को ‘भारत बचाओ’ आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया। भट्टाचार्य, महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की डिजिटल माध्यम से आयोजित एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में सभी राज्यों के शिक्षकों ने भाग लिया और अपनी चिंताएं प्रकट कीं।
भट्टाचार्य ने कहा, “नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को जल्दबाजी में लागू करना केवल शिक्षा का निजीकरण और व्यवसायीकरण है और कुछ नहीं।” कोटा से महासंघ के जोनल सचिव डॉ रघुराज परिहार ने राजस्थान के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों से संबंधित कई मुद्दों को उठाया।
उन्होंने कहा कि राज्य के संस्कृत कॉलेजों के शिक्षकों को अभी तक सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिला है और इन संस्थानों में शिक्षकों के लगभग 75 प्रतिशत पद रिक्त हैं, क्योंकि पिछले 16 साल से नई नियुक्ति नहीं हुई है।
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