आईआईटी मद्रास ने हाथ में पहनने वाला बैंड बनाया, कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों पर रखेगा नजर

By भाषा | Published: July 25, 2020 02:25 PM2020-07-25T14:25:39+5:302020-07-25T14:25:39+5:30

एनआईटी वारंगल से स्नातक के. प्रत्यूषा ने कहा,‘‘ हमारा मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीजों की पहचान में मदद करना है जिन्हें कोविड निमोनिया पहले हो सकता है ताकि उनका और प्रभावी तरीके से इलाज किया जा सके।’’ 

IIT Madras creates hand band, keep an eye on the symptoms of corona infection | आईआईटी मद्रास ने हाथ में पहनने वाला बैंड बनाया, कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों पर रखेगा नजर

आईआईटी मद्रास ने कोरोना के लक्षणों का पता लगाने वाला बैंड तैयार किया है। (फाइल फोटो)

Highlightsआईआईटी मद्रास ने कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए हाथ में पहनने वाला एक बैंड बनाया है।यह बैंड एकदम शरुआती स्तर पर ही किसी इंसान को संक्रमण के बारे में बता सकता है।

नई दिल्लीः आईआईटी मद्रास ने कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए हाथ में पहनने वाला एक ऐसा बैंड बनाया है जो एकदम शरुआती स्तर पर ही किसी इंसान को संक्रमण के बारे में बता सकता है। यह बैंड अगले माह तक बाजार में आ सकता है। आईआईआईटी मद्रास में स्टार्ट अप ‘‘म्यूज वियरेबेल्स’’ की शुरुआत पूर्व छात्रों के एक समूह ने एनआईटी वारंगल के पूर्व छात्रों के साथ मिल कर की है।

इन ट्रैकर्स को 70 देशों में लांच करने की योजना है। हाथ के ट्रैकर में शरीर के तापमान को मापने, हृदय गति तथा एसपीओ2 (ब्लड ऑक्सीजन सघनता) को मापने के लिए सेंसर लगे है, जो लगातार इन पर नजर रख कर संक्रमण के शुरुआती स्तर में ही पता लगाने में मदद कर सकता है। यह ट्रैकर ब्लूटूथ से चलेगा और इसे म्यूज हेल्थ ऐप के जरिए मोबाइल फोन से जोड़ा जा सकता है।

उपयोगकर्ता के शरीर से जुड़ी तथा अन्य गतिविधियों की जानकारी फोन तथा दूरस्थ सर्वर में इकट्ठा हो जाएगी। उपयोगकर्ता यदि किसी निरुद्ध क्षेत्र में जाता है तो आरोग्य सेतु ऐप के जरिए उसे संदेश मिल जाएगा।

आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र केएलएनसाई प्रशांत ने बताया, ‘‘ हमारा इस वर्ष दो लाख उत्पाद की ब्रिकी का लक्ष्य है और 2020 तक पूरी दुनिया में 10 लाख ट्रैकर बेचने की योजना है। निवेशकों को हमारे नवोन्मेष पर भरोसा है और उन्हें लगता है कि हम उपभोक्ता तकनीक जगत में भारी बदलाव ला सकते हैं। हम 22 करोड़ रुपए इकट्टा करने में सफल हो गए हैं।’’

इस ट्रैकर की कीमत 3500 रुपए है और यह 70 देशों में अगस्त तक आ जाएगा। एनआईटी वारंगल से स्नातक के. प्रत्यूषा ने कहा,‘‘ हमारा मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीजों की पहचान में मदद करना है जिन्हें कोविड निमोनिया पहले हो सकता है ताकि उनका और प्रभावी तरीके से इलाज किया जा सके।’’ 

Web Title: IIT Madras creates hand band, keep an eye on the symptoms of corona infection

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