दिल्ली IIT के प्रोफेसर ने बताया कैसे तैयार किया कोविड-19 टेस्ट किट, 3 महीना लगा वक्त
By मनाली रस्तोगी | Published: April 25, 2020 12:38 PM2020-04-25T12:38:44+5:302020-04-25T12:38:44+5:30
IIT दिल्ली कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (KSBS) के शोधकर्ताओं ने तीन महीनों के भीतर कोविड 19 टेस्ट किट तैयार कर लिया है, जिसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मंजूरी भी दे दी है। IIT दिल्ली ने दावा किया है कि ये सबसे सस्ती किट है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के बीच इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (KSBS) के शोधकर्ताओं ने कोविड 19 (COVID-19) टेस्ट किट बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। यही नहीं, इस किट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मंजूरी भी दे दी है।
वहीं, एएनआई को दिए गए एक बयान में आईआईटी-दिल्ली के प्रोफेसर विवेकानंदन पेरुमल ने बताया, 'हमने जनवरी के अंत तक इस पर काम करना शुरू कर दिया और तीन महीने में इसे तैयार कर लिया। हम सस्ती और कम लागत वाले डायग्नोस्टिक्स में योगदान करना चाहते थे, जो बड़ी संख्या के उपयोग में आ सके।' अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि यह एक स्वैब परीक्षण किट है। उन्होंने ये भी बताया कि इसके जरिए परीक्षण सभी मौजूदा उपकरणों की तुलना में सस्ता होगा। पेरुमल ने बताया कि उपकरण व्यावसायिक उत्पादन के लिए सस्ती है।
बता दें कि गुरुवार (23 अप्रैल) को आईसीएमआर ने कोविड 19 टेस्ट किट को मंजूरी दे दी थी। वहीं, कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं के इनोवेशन को मंजूरी मिलते हुए IIT दिल्ली की विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईसीएमआर में परीक्षण किट को 100% की संवेदनशीलता और विशिष्टता के साथ मान्य किया गया है। मालूम हो, आईआईटी दिल्ली पहला ऐसा शैक्षणिक संस्थान है जिसने रियल टाइम पीसीआर-आधारित डायग्नोस्टिक परख के लिए आईसीएमआर से अनुमोदन प्राप्त किया है।
कोविड 19 टेस्ट किट तैयार करने वाले शोधकर्ताओं में पीएचडी शोधार्थी प्रशांत प्रधान, आशुतोष पांडेय और प्रवीण त्रिपाठी शामिल हैं। दल के अन्य सदस्यों में पोस्ट डाक्टरल शोधार्थी डॉ पारुल गुप्ता, और डॉ अखिलेश मिश्रा हैं। इसके अलावा दल के वरिष्ठ सदस्यों में प्रोफेसर विवेकानंदन पेरुमल, मनोज बी मेनन, जेम्स गोम्स और विश्वजीत कुंडू शामिल हैं।
कैसे तैयार की कोविड 19 टेस्ट किट?
आईआईटी-दिल्ली में शोधकर्ताओं ने कोविड-19 और सार्स सीओवी-2 के जीनोम के आरएनए (रिबो न्यूक्लिक एसिड) अनुक्रम का तुलनात्मक विश्लेषण कर यह तरीका विकसित किया है। आरएनए मनुष्य समेत सभी जीव जंतुओं की कोशिका का अभिन्न अंग होता है और यह प्रोटीन संश्लेषण जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करता है।