'मोहन भागवत अगर मोदी का विरोध करेंगे तो उनको भी आतंकवादी कह देंगे', राहुल गांधी का केंद्र पर हमला
By शीलेष शर्मा | Updated: December 24, 2020 15:18 IST2020-12-24T15:10:17+5:302020-12-24T15:18:15+5:30
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।

राहुल ने बड़ी साफगोई के साथ कहा कि किसानों को आतंकवादी कहने वाले मोदी आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है
नई दिल्ली: आंदोलनकारी किसान तब तक वापस नहीं लौटेंगे जब तक सरकार तीनों काले क़ानून वापस नहीं लेती। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को सीधी चेतावनी देते हुए उस समय कही जब वे किसानों के समर्थन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को 2 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन सोंपकर वापस लौटे।
राहुल गाँधी ने सीधा आरोप लगाया, "भारत में अब लोकतंत्र नहीं रह गया है , अगर आपको लगता है कि यह है तो यह बस आपकी कल्पनाओं में है।"
राहुल ने बड़ी साफगोई के साथ कहा कि किसानों को आतंकवादी कहने वाले मोदी आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है , जो भी उनके विरोध में खड़ा होता है उसे आतंकवादी बता दिया जाता है, फिर वो चाहे आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत ही क्यों न हो। अगर वह भी उनसे सत्ता लेने की कोशिश करेंगे तो मोदी उनको भी आतंकवादी बोल देंगे।
इससे पूर्व आज सुबह राहुल गांधी के नेतृत्व में तमाम बड़े नेताओं के साथ जिसमें प्रियंका गांधी भी शामिल थी 2 करोड़ हस्ताक्षरों को ट्रक में भर कर पार्टी मुख्यालय से कांग्रेस नेताओं का काफिला चला, लेकिन चप्पे चप्पे पर तैनात पुलिस ने काफ़िले को रास्ते में ही रोक दिया, जिसके विरोध में राहुल, प्रियंका , अन्य नेताओं के साथ सड़क पर ही बैठ गए। प्रशासन ने केवल तीन लोगों को राष्ट्रपति से मुलाक़ात करने की अनुमति दी। राहुल , ग़ुलाम नबी आज़ाद और अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति भवन की ओर कूच कर गए लेकिन प्रियंका , वेणुगोपाल , सैलजा सहित दूसरे नेताओं के सड़क पर बैठे रहे।
प्रियंका ने कहा कि किसान का बेटा सीमा पर है , प्रधानमंत्री को किसानों की बात सुननी होगी। यह लोकतंत्र है , लोकतंत्र में जनता की आवाज़ दबाई नहीं सकती। भारी सर्दी के बावजूद किसान धरने पर हैं , लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुन रही। पुलिस ने प्रियंका सहित सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें मंदिर मार्ग थाने ले गयी , जहाँ कुछ देर बाद सभी को रिहा कर दिया गया। कांग्रेस ने घोषणा की कि समूचा विपक्ष किसानों के साथ खड़ा है और जब तक तीनों क़ानून सरकार वापस नहीं लेती , यह आंदोलन जारी रहेगा।