कोरोना के देसी वैक्सीन पर गुड न्यूज, ICMR ने कहा- ह्यूमन ट्रायल के सेकेंड स्टेज में पहुंचे हम
By भाषा | Published: August 5, 2020 05:45 AM2020-08-05T05:45:59+5:302020-08-05T05:45:59+5:30
देश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 19 लाख के आंकड़े को पार कर गई। 38 हजार 938 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं एक्टिव केसों की संख्या 5 लाख 86 हजार 298 हैं। देश में 12 लाख 30 हजार 509 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं।
नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार (4 अगस्त) को कहा कि कोविड-19 के स्वदेश विकसित दो टीके का मानव पर परीक्षण (Human clinical trials) का प्रथम चरण पूरा हो गया है और यह दूसरे चरण में प्रवेश कर गया है। इन टीकों को भारत बायोटेक द्वारा आईसीएमआर और जायडस कैडिला लिमिटेड के साथ मिल कर विकसित किया गया है।
भार्गव ने प्रेस वार्ता में कहा कि सुरक्षित और कारगर टीका विकसित हो जाने पर, मुख्य ध्यान इसकी प्राथमिकता तय करने और इसके निष्पक्ष वितरण, इसे पेश करने और कोल्ड चेन की व्यवस्था, भंडारण तथा टीका लगाने के लिये लोगों को प्रशिक्षित करने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में 141 टीकों पर अनुसंधान चल रहा है और इनमें से 26 क्लीनिकल परीक्षण के विभिन्न चरण में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी ऐसे तीन टीके हैं, जो भारत में क्लीनिकल परीक्षण के विभिन्न चरण में हैं। पहला इनएक्टीवेटेड टीका भारत बायोटेक ने विकसित किया है, जिसने 11 निर्धारित चिकित्सा संस्थानों में प्रथम चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है और इसका दूसरे चरण का अध्ययन शुरू हो गया है। प्रथम और दूसरा चरण सुरक्षा तथा शुरूआती कारगरता के बारे में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह जायडस कैडिला के डीएनए टीके ने भी 11 चिकित्सा संस्थानों में प्रथम चरण का अध्ययन पूरा कर लिया है और अपना दूसरा चरण शुरू कर दिया है, जो प्रगति पर है। वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(एसआईआई),पुणे द्वारा रीकोम्बीनेंट ऑक्सफोर्ड टीके का उत्पादन किया जाना है। इस टीके के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण को कल मंजूरी प्रदान की गई। यह 17 स्थानों पर एक हफ्ते के अंदर किया जाएगा। ’’
भारत में कोविड-19 की कुल जांच में 25 से 30 प्रतिशत जांच रैपिड एंटीजन पद्धति से होती है :ICMR
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि देश में इस समय कोविड-19 का पता लगाने के लिए रोजाना कुल जितने नमूनों की जांच हो रही है, उनमें 25-30 प्रतिशत नमूनों की जांच रैपिड एंटीजन जांच पद्धति से की जा रही है। देश में सोमवार को कोविड-19 के लिए 6,61,892 नमूनों की जांच की गयी और अब तक कुल 2,08,64,750 नमूनों की जांच की जा चुकी है।
देश में प्रति दस लाख आबादी पर जांच की संख्या 15,119 है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 2.08 करोड़ नमूनों की जांच की गयी है जिनमें करीब 26.5 लाख नमूनों की जांच एंटीजन पद्धति से की गयी है।
भार्गव ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि रैपिड एंटीजन जांच में किसी के संक्रमित नहीं होने की सटीक पुष्टि करने की 99.3 से 100 प्रतिशत तक अति उच्च विशिष्टता है, लेकिन उनकी संवेदनशीलता 55 से 85 प्रतिशत के बीच है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने अपने परामर्श में दोहराया है कि अगर किसी व्यक्ति में लक्षण हैं और रैपिड एंटीजन जांच में नतीजे निगेटिव हैं तो पुष्टि के लिए आरटी-पीसीआर जांच की जानी चाहिए।’’