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कोरोना का खतरा बढ़ा तो नॉन एफडीए और नॉन सीआईए मानक वाली जांच किट को ICMR की मंजूरी, दवाओं को लेकर भी दी हिदायत

By एसके गुप्ता | Updated: March 24, 2020 08:47 IST

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव के अनुसार लोग हाइड्रोक्सी क्लोरो क्वीन की गोलियां संरक्षित कर रहे हैं. लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को खाने से बचना चाहिए.

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ठळक मुद्देआईसीएमआर ने देश में 118 सरकारी लैब्स को जांच के लिए अनुमति दी हैकोरोना जांच के लिए 12 प्राइवेट लैब में से 5 महाराष्ट्र में, भविष्य में कोरोना टेस्ट के खर्च में कटौती की उम्मीद

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और उसकी जांच के लिए केंद्र ने यह निर्णय लिया है कि नॉन एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन -यूएस डिपार्टमेंट) और नॉन सीआईए (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी- यूएस) मानक वाली जांच किट  से  कोरोना  वायरस के सैंपल की जांच की जा सकेगी. 

जांच किट बनाने वाली कंपनियों को केवल आईसीएमआर से मंजूरी लेनी होगी. एफडीए और सीआईए से  मंजूर जांच किट से कोरोना जांच के 4500 रुपये लग रहे हैं. कई कंपनियों द्वारा आईसीएमआर अप्रूवल आधारित न्यूनतम मानक वाली जांच किट बहुतायत संख्या में बनने से उनका खर्च भी कम आएगा , इससे भविष्य में कोरोना टेस्ट के खर्च में भी कटौती आएगी.

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि ऐसी किट बनाने वाली दो कंपनियों को मंजूरी भी दे दी गई है. जिससे कोरोना वायरस जांच के लिए किट की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी. इसके अलावा आईसीएमआर ने देश में 118 सरकारी लैब्स को जांच के लिए अनुमति दी है. इनमें से 92 लैब्स कार्यरत हैं और बाकी 26 लैब जल्द ही जांच कार्य शुरू कर देंगी. 

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि लोग हाइड्रोक्सी क्लोरो क्वीन की गोलियां संरक्षित कर रहे हैं. लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को खाने से बचना चाहिए. यह दवा उन्हीं लोगों को दी जाती है जो कोरोना से संक्रमित हैं या जो कोरोना रोगी की देखभाल अस्पताल या घरों में कर रहे हैं. 

उन्होंने बताया कोरोना रोगी को 1 दिन में दो बार हाइड्रोक्सी क्लोरो क्वीन 400 एमजी की गोली दी जाती है और जो लोग कोरोना रोगी की देखभाल में लगे हैं उन्हें सप्ताह में एक बार यह गोली सेवन करने की सलाह दी जाती है.

कोरोना जांच के लिए 12 प्राइवेट लैब में से 5 महाराष्ट्र में: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने 12 प्राइवेट लैब को कोरोना वायरस टेस्ट की मंजूरी दी है. इन 12 में से अकेले महाराष्ट्र में ही 5 प्राइवेट लैब्स हैं, जिन्हें मंजूरी दी गई है. इनमें थायरोकेयर टेक्नोलॉजी- नवी मुंबई, सुबरबन डायग्नोस्टिक्स- अंधेरी वेस्ट मुंबई,   मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर- मुंबई, सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन- नवी मुंबई,  एसआरएल लिमिटेड- गोरेगांव मुंबई स्थित शामिल है. 

इसके अलावा दिल्ली में लाल पाथ लैब, गुजरात में यूनिपथ स्पेशलिटी लैबोरेटरी,  हरियाणा में स्टैंडर्ड लाइफ साइंस और एसआरएल लिमिटेड के अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु में तीन प्राइवेट लैब्स को करोना टेस्ट की अनुमति दी गई है.

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