आईबीपीएस: सिद्धरमैया ने केंद्र पर लगाया कन्नड़ लोगों के साथ विश्वासघात का आरोप

By भाषा | Updated: July 13, 2021 20:38 IST2021-07-13T20:38:08+5:302021-07-13T20:38:08+5:30

IBPS: Siddaramaiah accuses Center of betraying Kannada people | आईबीपीएस: सिद्धरमैया ने केंद्र पर लगाया कन्नड़ लोगों के साथ विश्वासघात का आरोप

आईबीपीएस: सिद्धरमैया ने केंद्र पर लगाया कन्नड़ लोगों के साथ विश्वासघात का आरोप

बेंगलुरु, 13 जुलाई केंद्र पर उम्मीदवारों को बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) की परीक्षा कन्नड़ में देने की अनुमति नहीं देकर कन्नड़ लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को इस मुद्दे पर केंद्र के सामने खड़े नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को "चूहा" करार दिया।

हैशटैग ‘आईबीपीएसमोसा’ हैशटैग ‘आईबीपीएसचीटिंग’ के साथ कई ट्वीट करके सिद्धरमैया ने इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा और मांग की कि यदि कन्नड़ लोगों के लिये न्याय सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं तो राज्य से राज्यसभा सदस्य एवं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और येदियुरप्पा को इस्तीफा दे देना चाहिए।

सिद्धरमैया ने ट्वीट किया, ‘‘नरेंद्र मोदी उम्मीदवारों को कन्नड़ में आईबीपीएस परीक्षा देने की अनुमति नहीं देकर कन्नड़ लोगों को धोखा दे रहे हैं। आईबीपीएस की नवीनतम अधिसूचना भाजपा के कन्नड़ विरोधी रुख का एक उदाहरण है। केंद्र सरकार को तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए और कन्नड. लोगों के प्रति न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।’’

कर्नाटक से लोकसभा के लिए 25 सांसद चुने जाने की बात करते हुए उन्होंने सवाल किया, ‘‘‘ये सांसद क्या कर रहे हैं? हालांकि दास प्रथा समाप्त हो गई है, लेकिन भाजपा के कर्नाटक के सांसद नरेंद्र मोदी के दासों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन पर शर्म आती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘येदियुरप्पा के समर्थक उन्हें ‘हुली’ (बाघ) कहते हैं लेकिन वास्तव में वह ‘इली’ (चूहा) हैं। जब नरेंद्र मोदी के सामने खड़ा होना होता है तो वह बिलों में छिप जाते हैं। अगर वह कन्नड़ लोगों के लिये न्याय सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।’’

यह उल्लेख करते हुए कि आईबीपीएस ने 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों में 3,000 से अधिक रिक्त लिपिक पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे, जिनमें से 407 पद कर्नाटक में हैं, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतियोगिता से कन्नड़भाषियों को बाहर करके कन्नड़ के साथ अन्याय किये जाने के परिणामस्वरूप भारी बेरोजगारी होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीदवार 2014 से पहले क्षेत्रीय भाषाओं में आईबीपीएस परीक्षा लिखने में सक्षम थे। भाजपा के सत्ता में आने के बाद, केवल अंग्रेजी और हिंदी की अनुमति देने के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। हमने इसका विरोध करने के लिए नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था।’’

इसके अलावा, यह उल्लेख करते हुए कि केंद्र और राज्य सरकारों की अधिकांश योजनाएं बैंकों के माध्यम से लागू की जाती हैं, जिन पर किसान, मजदूर, महिलाएं और कई अन्य निर्भर हैं, उन्होंने कहा कि ग्रामीण लोगों को उन कर्मचारियों से उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, जो कन्नड़ नहीं जानते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद, निर्मला सीतारमण ने लगातार कन्नड़ और कन्नड़ लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने आईबीपीएस परीक्षा के संबंध में भी इसे जारी रखा है। वह राज्यसभा में कर्नाटक के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अयोग्य हैं। अगर कोई शर्म है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

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Web Title: IBPS: Siddaramaiah accuses Center of betraying Kannada people

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