चक्रवात 'फनी' के कारण IAF ने टाला ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण, SUKHOI-30 से होना था टेस्ट

By विकास कुमार | Published: April 29, 2019 08:46 PM2019-04-29T20:46:42+5:302019-04-29T20:46:42+5:30

ह्मोस को डीआरडीओ ने विकसित किया है. ब्रह्मोस का परीक्षण सुखोई से होने के बाद वायु सेना किसी भी टारगेट को भारतीय सीमा में रहते हुए 150 किमी तक हिट कर सकती है.

IAF didn't fire Brahmos supersonic cruise missile from sukhoi-30 because of cyclone fanny | चक्रवात 'फनी' के कारण IAF ने टाला ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण, SUKHOI-30 से होना था टेस्ट

चक्रवात 'फनी' के कारण IAF ने टाला ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण, SUKHOI-30 से होना था टेस्ट

Highlights26 फरवरी को बालाकोट में हुए एयरस्ट्राइक में वायु सेना ने मिराज-2000 विमानों का इस्तेमाल किया था.सुखोई-30 एक कॉम्बैट फाइटर जेट है और अगर इसके द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण हो जाता है.

चक्रवात 'फनी' के आगमन की ख़बरों के बीच भारतीय वायु सेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण टाल दिया है. IAF ने यह फैसला ब्रह्मोस एयरोस्पेस के साथ मिल कर लिया है. वायु सेना सुखोई-30 फाइटर जेट से इस मिसाइल का परीक्षण करने वाली थी लेकिन फिलहाल चक्रवात ने इस पर होल्ड लगा दिया है. सुखोई-30 एक कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. यह भारत और रूस द्वारा मिल कर विकसित किया गया है. 

भारतीय वायु सेना यह परीक्षण दक्षिण भारत में करने वाली थी. बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसी क्षमता को और विकसित बनाने के लिए वायु सेना इसका परीक्षण करने वाली है. 

भारतीय वायु सेना ने कहा है कि हमने इसका परीक्षण फिलहाल टाल दिया है लेकिन हम जल्द ही करेंगे. चक्रवात फनी की आशंका बगाल की खाड़ी में आये हलचल के कारण गहरा रही है. फिलहाल इसकी स्थिति चेन्नई से 880 किमी दक्षिण-पूर्व में है.

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण IAF और DRDO मिलकर कर रही है. वायु सेना का लक्ष्य किसी भी जमीनी टारगेट को नेस्तनाबूद करना है. ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. वहीं सुखोई-30 भी भारत और रूस द्वारा मिल कर बनाया गया है. 

26 फरवरी को बालाकोट में हुए एयरस्ट्राइक में वायु सेना ने मिराज-2000 विमानों का इस्तेमाल किया था जिसमें इजराइल निर्मित स्पाइस-2000 लेज़र गाइडेड बम का इस्तेमाल किया गया था. 

सुखोई-30 एक कॉम्बैट फाइटर जेट है और अगर इसके द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण हो जाता है तो यह भारत की सुरक्षा दृष्टि से बहुत बड़ी सफलता होगी. 

ब्रह्मोस को डीआरडीओ ने विकसित किया है. ब्रह्मोस का परीक्षण सुखोई से होने के बाद वायु सेना किसी भी टारगेट को भारतीय सीमा में रहते हुए 150 किमी तक हिट कर सकती है.

Web Title: IAF didn't fire Brahmos supersonic cruise missile from sukhoi-30 because of cyclone fanny

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