एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने फिर से अयोध्या पर ट्वीट किया है। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि मुझे अपनी मस्जिद वापस चाहिए। सांसद के इस ट्वीट से विवाद बढ़ने की आशंका है।
इससे पहले भी असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हमें खैरात में जमीन नहीं चाहिए। मस्जिद बनाने के लिए विकल्प के तौर पर पांच एकड़ जमीन दिये जाने को खारिज करने की सलाह दी। असदुद्दीन ओवैसी का नया ट्वीट राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर किया है।
उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि केंद्र मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए विकल्प के तौर पर पांच एकड़ जमीन मुहैया कराए। इस पर ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष कानूनी अधिकार के लिए लड़ रहा था और किसी से भी दान की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है कि मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन के दिये जाने के प्रस्ताव को खारिज कर देना चाहिए। ओवैसी ने कहा, ‘‘हमें किसी से दान (में भूमि लेने) की जरूरत नहीं है....हमें सहायता देने की आवश्यकता नहीं है। आज भी, अगर मैं हैदराबाद की सड़कों पर मांगना शुरू कर दूं तो आवाम इतना पैसा दे देगी कि मैं उत्तर प्रदेश में पांच एकड़ भूमि खरीद सकता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह तथ्यों के ऊपर विश्वास की जीत वाला फैसला है ।’’ मस्जिद निर्माण में किसी प्रकार का समझौता नहीं किये जाने पर जोर देते हुए ओवैसी ने कहा कि वह अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्णय के साथ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संध परिवार और भाजपा देश को ‘‘हिंदू राष्ट्र’’ की ओर ले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने 1992 में बाबरी मस्जिद गिरायी थी, उन लोगों को न्यास का गठन करने और राम मंदिर निर्माण शुरू कराने के लिए कहा गया है । ओवैसी ने कहा, ‘‘अब संघ परिवार और भाजपा अयोध्या से शुरू करेंगे और राष्ट्रीय नागरिक पंजी, नागरिक संशोधन विधेयक.....भाजपा इसका इस्तेमाल करेगी।’’
उन्होंने सवाल किया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से क्या होगा, कि 1992 में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त नहीं किया गया था और 1949 में मूर्तियां नहीं रखी गयी थी। उन्होंने दावा किया कि विवादित ढ़ांचा संघ परिवार एवं कांग्रेस की साजिश की ‘‘भेंट’’ चढ़ गया । ओवैसी ने कहा कि उन्हें अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है कि वह इससे संतुष्ट नहीं हैं और यह अदालत की अवमानना नहीं हो सकती है ।
अयोध्या ट्रस्ट पर फैसला प्रधानमंत्री लेंगे : संस्कृति मंत्रालय
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बुधवार को कहा कि अयोध्या ट्रस्ट बनाने का फैसला प्रधानमंत्री के स्तर पर किया जाएगा। सिंह ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘ ट्रस्ट पर फैसला -- कि इसका गठन कैसे किया जाएगा तथा कौन उसके सदस्य होंगे-- प्रधानमंत्री के स्तर पर किया जाएगा।
मैं इस पर इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।’’ उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को केंद्र को अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था और मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने का भी फैसला दिया था। सूत्रों ने बताया कि विधि और गृह मंत्रालय फिलहाल उच्चतम न्यायालय के फैसले का अध्ययन कर रहे हैं।