मुख्य निर्वाचन आयुक्त को कैसे हटाया जा सकता?, जानें क्या है प्रोसेस, विपक्षी दल लाएंगे महाभियोग प्रस्ताव!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 18, 2025 15:12 IST2025-08-18T15:11:09+5:302025-08-18T15:12:50+5:30

विपक्षी दलों के कई नेताओं ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में बैठक की और इस बात पर चर्चा की कि कैसे मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने रविवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया और उनके द्वारा उठाए गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।

How can chief election commissioner gyanesh kumar removed Know what process opposition parties bring impeachment motion! | मुख्य निर्वाचन आयुक्त को कैसे हटाया जा सकता?, जानें क्या है प्रोसेस, विपक्षी दल लाएंगे महाभियोग प्रस्ताव!

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Highlightsविपक्षी दलों के कुछ सांसदों को लगता है कि इस लड़ाई को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।मुख्य निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया। विपक्षी दल फिर से मिलेंगे और इस पर आगे की रणनीति बनाएंगे।

नई दिल्लीः विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन और कथित ‘‘वोट चोरी’’ को लेकर अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है और इसके नेताओं ने सोमवार को यहां मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार करने के लिए बैठक की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पद से हटाने की प्रक्रिया संसद के दोनों सदन में शुरू हो सकती है। अक्षमता साबित होने पर हटाया जा सकता है। लोकसभा या राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। लेकिन आपको बता दें कि इसके लिए लोकसभा में 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। लेकिन इस प्रक्रिया को महाभियोग नहीं कह सकते है। इसे हटाने की प्रक्रिया कहा जा सकता है।

लड़ाई को आगे बढ़ाया जाना चाहिए

सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों के कई नेताओं ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में बैठक की और इस बात पर चर्चा की कि कैसे मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने रविवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया और उनके द्वारा उठाए गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को लगता है कि इस लड़ाई को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि उसने चुनाव प्रक्रिया में उठाए गए संदेहों का जवाब नहीं दिया है या उन्हें दूर नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि इस बारे में अभी विचारविमर्श जारी है, हालांकि विपक्षी दल फिर से मिलेंगे और इस पर आगे की रणनीति बनाएंगे।

व्यक्तियों के बारे में कोई जवाब नहीं दिया

इस कदम के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता नसीर हुसैन ने कहा कि वे इस संबंध में हर लोकतांत्रिक तरीका अपनाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कल उम्मीद थी कि निर्वाचन आयोग जनता द्वारा उठाई जा रही सभी चिंताओं और सवालों का जवाब देगा और लोगों की शंकाओं को दूर करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में मृत घोषित किए गए व्यक्तियों के बारे में कोई जवाब नहीं दिया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता की तरह काम कर रहा है तथा भाजपा प्रवक्ता की तरह ही बात कर रहा है। हमें देश में पूरी तरह से निष्पक्ष मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग की जरूरत है।’ मुख्य निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ महाभियोग नोटिस पर विचार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर हुसैन ने कहा, ‘जरूरत पड़ने पर लोकतंत्र में निहित किसी भी प्रक्रिया का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं।’

कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे

 रविवार को दिल्ली में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त कुमार ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूचियों में सभी खामियों को दूर करना है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने दोहरे मतदान और ‘‘वोट चोरी’’ के आरोपों को ‘‘निराधार’’ बताते हुए खारिज कर दिया।

कहा कि सभी हितधारक पारदर्शी तरीके से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग भाजपा के साथ मिलकर बिहार में एसआईआर के नाम पर ‘‘खुलेआम वोट चोरी’’ कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर भरोसा नहीं है।

हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया

बिहार के सासाराम से शुरू हुई अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के पहले दिन के समापन पर यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी ने यह भी कहा कि ‘‘वोट चोरी’’ का पर्दाफाश करने वाली उनकी प्रेस वार्ता के बाद उनसे हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया था।

लेकिन भाजपा नेता अनुराग ठाकुर जिन्होंने अपनी प्रेस वार्ता में इसी तरह के दावे किए थे उनसे ऐसी कोई मांग नहीं की गई। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में मतदाता सूची का एसआईआर राज्य के लोगों के वोट चुराने का एक तरीका है।

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