बेंगलुरु पुलिस ने अवैध तरीके से किए कई सार्वजनिक हस्तियों के 'फोन टैप', कुमारास्वामी ने कहा, 'ये हर सीएम के राज में होता है'

By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 6, 2019 09:32 AM2019-11-06T09:32:12+5:302019-11-06T09:32:12+5:30

Phone Tapping: बेंगलुरु पुलिस द्वार कई सार्वजनिक हस्तियों के फोन टैपिंग मामले में सीबीआई जांच जारी है, कुमारास्वामी ने कहा, चिंता की बात नहीं

How Bengaluru police tapped phones of 30 public figures under the cover of red sanders smuggling case: reports | बेंगलुरु पुलिस ने अवैध तरीके से किए कई सार्वजनिक हस्तियों के 'फोन टैप', कुमारास्वामी ने कहा, 'ये हर सीएम के राज में होता है'

बेंगलुरु पुलिस ने चंदन तस्करों की आड़ में किए कई सार्वजनिक हस्तियों के फोन टैप

Highlightsबेंगलुरु पुलिस ने अवैध तरीके से किए 30 सार्वजनिक हस्तियों के फोन टैपये फोन टैपिंग कथित तौर पर जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के कार्यकाल में हुई

मई 2019 में लोकसभा चुनावों के कुछ ही दिन बाद बेंगलुरु पुलिस ने कर्नाटक के रास्ते होने वाली लाल चंदन की तस्करी को रोकने की अपनी सबसे बड़ी सफलता का ऐलान किया था। पुलिस ने इस कार्रवाई के तहत 13 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 4000 किलोग्राम चंदन जब्त किया था, जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपये थी। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब पता चला है कि उस जांच और अन्य मामलों की आड़ में बेंगलुरु पुलिस ने राज्य की कई सार्वजनिक हस्तियों के फोन अवैध रूप से टैप किए थे।

30 सार्वजनिक हस्तियों के फोन किए गए अवैध तरीके से टैप

सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनावों के दौरान लाल चंदन के तस्करों के साथ ही करीब 30 अन्य फोन नंबरों को भी टैप किया गया था।
इस साल जुलाई में जब बागियों ने एचडी कुमारास्वामी के नेतृत्व वाली जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार का साथ छोड़ा तो अन्य मामलों की आड़ में कुछ अन्य लोगों की भी फोन टैपिंग की गई थी।

जिन 30 लोगों के फोन बेंगलुरु पुलिस ने अवैध रूप से टैप किए उनमें से प्रभावी वोक्कालिगा समुदाय के एक प्रभावशाली सिद्ध पुरुष, निर्मलानंद स्वामी और लोकसभा चुनाव का कम से कम एक उम्मीदवार और सहयोगियों के नाम शामिल हैं।।

येदियुरप्पा सरकार ने फोन टैपिंग मामले की जांच सीबीआई को सौंपी

बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने अवैध फोन टैपिंग मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसके बारे में माना जा रहा है कि ये फोन टैपिंग अगस्त 2018 से अगस्त 2019 (कुमारास्वामी के कार्यकाल और येदियुरप्पा के कार्यकाल की शुरुआत) के बीच हुई।   

बेंगलुरु पुलिस ने कई महीनों तक लाल चंदन तस्करों के गैंग की निगरानी की और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र से चीन और सुदूर पूर्व में चंदन की तस्करी का खुलासा किया।

बेंगलुरु पुलिस ने लाल चंदन के तस्करों के मामले अपनी सबसे बड़ी दांच से लेकर सार्वजनिक हस्तियों की अवैध ढंग से जासूसी भी की। बेंगलुरु पुलिस ने इन टैप किए कॉल्स को नियमित फोन इंटरसेप्शन सिस्टम से अलग डायवर्ट किया। 

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने अवैध फोन टैपिंग मामले में कई पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की है, जिनमें उस समय बेंगलुरु पुलिस के कमिश्नर रहे अलोक कुमार भी शामिल हैं। कुछ अधिकारियों ने सीनियरों के आदेशों पर की गई इंटरसेप्शन की विस्तृत जानकारी दी है।

इस जांच से जुड़ एक सूत्र के मुताबिक चंदन की लकड़ियों की तस्करी में कई लोग शामिल थे। इनके फोन की टैपिंग वैध तरीके से कई गई थी। लेकिन कुछ अन्य लोगों के भी फोन को टैप करने की मांग थी, इन नंबरों को भी संदिग्धों के नंबरों के साथ मिला दिया गया और वे नंबर भी टैप किए गए।

चंदन तस्करों की जांच के बहाने किए गए सार्वजनिक हस्तियों के फोन टैप

जहां तस्करी के संदिग्धों की कॉल 60 दिनों की अवधि के लिए टैप के लिए राज्य के गृह सचिव से मंजूरी प्राप्त करने की कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया था, तो वहीं पुलिस फोन के अवैध इंटरसेप्शन की जांच के लिए इसे सात दिनों तक ही सीमित कर दिया, जिसके बेंगलुरु कमिश्नरी स्तर पर ही अनुमति हासिल की जा सकती है।

पिछले महीने अवैध फोन टैपिंग मामले की जांच के लिए सीबीआई ने पूर्व कमिश्नर अलोक कुमार (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की रैंक वाले अधिकारी) के घर और ऑफिस पर तलाशी ली थी। माना जा रहा है कि अलोक कुमार के कार्यकाल के दौरान ही ये अवैध फोन टैपिंग की गई थी। कुमार को कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान जून 2019 में बेंगलुरु का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था, उससे पहले वह 2018-19 में सिटी क्राइम जांच यूनिट के प्रमुख थे।

दो पुलिस कमिश्नरों की लड़ाई में हुआ था फोन टैपिंग का खुलासा

अवैध फोन टैपिंग मामले का खुलासा अलोक कुमार और वर्तमान बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर भाष्कर राव के बीच खींचतान की वजह से अगस्त में हुआ। राव की फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो लीक होना ही प्राथमिक जांच की वजह बना। 

जांच से पता चला कि क्राइम ब्रांच द्वारा की गई एक संदिग्ध के फोन कॉल की टैपिंग के मामले को मीडिया को लीक कर दिया गया था। इस जांच से ये भी पता चला कि कई राजनेताओं, अधिकारियों और अन्य लोगों को फोन अवैध तरीके से टैप किए गए, जिसके बाद येदियुरप्पा ने सीबीआई जांच के आदेश दिए।   

कुमारास्वामी ने कहा, 'हर सीएम के राज में होती है फोन टैपिंग'

बीजेपी के उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथनारायन ने आरोप लगाया कि जेडीएस-कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अवैध तरीके से बड़े पैमाने पर फोन-टैपिंग की गई। उन्होंने कहा कि उन्हें सवालों के जवाब देने होंगे और अपने काम के लिए कानून का सामना करना पड़ेगा। 

इससे पहले इन आरोपों पर कुमारास्वामी ने कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'फोन टैपिंग हर मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान हुई है, तो कोई चिंता की बात नहीं है।' 

Web Title: How Bengaluru police tapped phones of 30 public figures under the cover of red sanders smuggling case: reports

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