UAPA बिल पर राज्यसभा में तीखी बहस, गृहमंत्री शाह बोले- दिग्विजय का गुस्सा जायज है, वे चुनाव हारे हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 2, 2019 12:55 IST2019-08-02T12:55:38+5:302019-08-02T12:55:38+5:30
गैर कानूनी गतिविधि निवारण में संशोधन के लिए लाये गये यूएपीए विधेयक पर राज्यसभा में गर्मागरम बहस हुई।

UAPA बिल पर राज्यसभा में तीखी बहस, गृहमंत्री शाह बोले- दिग्विजय का गुस्सा जायज है, वे चुनाव हारे हैं
गैर कानूनी गतिविधि निवारण में संशोधन के लिए लाये गये यूएपीए विधेयक पर राज्यसभा में गर्मागरम बहस हुई। कांग्रेसी नेताओं के आरोपों का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह का गुस्सा जायज है, वो चुनाव हारे हैं। उन्होंने कहा कि यूएपीए बिल को लेकर विपक्ष में डर क्यों हैं। कांग्रेस ने आतंक को धर्म से जोड़ा है।
दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में कहा था कि हमें बीजेपी की नीयत पर शक है। कांग्रेस ने आतंक पर कभी भी समझौता नहीं किया इसलिए हम इस कानून को लाए थे। ये बीजेपी थी जिसने आतंक पर समझौता किया। एकबार रुबैया सईद की छोड़ने के दौरान दूसरा मसूद अजहर को छोड़ने के दौरान।
जद-यू के रामनाथ ठाकुर ने कहा कि एनआईए को अधिकारसम्पन्न बनाने का सरकार का कदम उचित है। उन्होंने कहा कि एनआईए को इतनी शक्ति दें कि वह अमेरिका के एफबीआई की तरह का काम कर सके। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सहयोगी संघीय व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए किसी अपराध की जांच को सुनिश्चित करना चहिये और एक समयसीमा के भीतर ऐसे मामलों को निपटाया जाना चाहिये।
HM Amit Shah: Digvijaya Singh ji seems angry, it is natural, he just lost elections...he said 'in 3 cases of NIA no one was punished.' I will tell you why, because earlier in these cases political vendetta was done&attempt was made to link a particular religion to terror #UAPApic.twitter.com/h1VI1AIhYh
— ANI (@ANI) August 2, 2019
बीजद के प्रसन्न आचार्य ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय दायित्व को पूरा करने के लिहाज से इस कानून को लाना जरुरी था। उन्होंने कहा कि विगत अनुभवों में इस तरह के सख्त कानून का दुरुपयोग होते रहने के कारण लोग इस बारे में आशंकित हैं और इसके शिकार कई राजनेता हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी स्थिति में इस कानून का दुरुपयोग न होने पाये और इसको समुचित तरीके से उपयोग में लाया जाये। उन्होंने जानना चाहा कि इस तरह के मामलों में निर्दोष साबित होने की दर इतनी अधिक क्यों है?
एमडीएमके के वायको ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह लोगों, विशेषकर अल्पसंख्यकों की आवाज को दबाने वाला विधेयक है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिविशेष के विरुद्ध है और उसे अपनी सफाई का कोई मौका नहीं दिया जा रहा है। यह लोगों के स्वतंत्रता के अधिकार का अतिक्रमण करता है। चर्चा में अन्नाद्रमुक के एस मुत्तुकुरुप्पन और टीआरएस के पी लिंगैय्या यादव ने भी भाग लिया। विधेयक पर चर्चा अधूरी रही।