मणिपुर में दो दशकों के बाद दिखाई जाएगी हिंदी फिल्म, आदिवासी छात्र संगठन ने की पहल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 15, 2023 03:22 PM2023-08-15T15:22:47+5:302023-08-15T15:26:04+5:30
राज्य सरकार ने पहले इंफाल में सीमित दर्शकों के लिए "कश्मीर फाइल्स" और "रॉकेटरी" की स्क्रीनिंग की थी।
इंफाल: जातीय हिंसा का सामना कर रहे मणिपुर में स्वतंत्रता दिवस के दिन एक हिंदी फिल्म दिखाने की पहल की गई है। जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में दो दशक से अधिक समय बाद पहली बार स्वतंत्रता दिवस पर एक हिंदी फिल्म दिखाई जाएगी।
आदिवासी संगठन ‘हमार छात्र संघ’ (एचएसए) ने मंगलवार शाम को चुराचांदपुर जिले के रेंगकई (लम्का) में हिंदी फिल्म दिखाने की योजना बनायी है। बहरहाल, उसने फिल्म के नाम का खुलासा नहीं किया है।
एचएसए ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘यह उन उग्रवादी समूहों के प्रति हमारी अवज्ञा और विरोध को दर्शाने के लिए है जिन्होंने दशकों से आदिवासियों को अपने अधीन कर रखा है। स्वतंत्रता तथा न्याय के लिए हमारी लड़ाई जारी रखने के संकल्प में हमारा साथ दें।’’
एचएसए ने कहा कि मणिपुर में सार्वजनिक रूप से दिखायी गयी आखिरी हिंदी फिल्म 1998 में आयी ‘कुछ कुछ होता है’ थी। उल्लेखनीय है कि विद्रोही संगठन ‘रेवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट’ ने सितंबर 2000 में हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया था।
अधिकारियों ने बताया कि 12 सितंबर को प्रतिबंध लगाए जाने के एक सप्ताह के भीतर विद्रोहियों ने राज्य में दुकानों से एकत्रित किए गए हिंदी के 6,000 से 8,000 वीडियो और ऑडियो कैसेट जला दिए थे।
आरपीएफ ने पूर्वोत्तर राज्य में इस प्रतिबंध की कोई वजह नहीं बतायी थी लेकिन केबल ऑपरेटरों ने कहा था कि उग्रवादी समूह को राज्य की भाषा और संस्कृति पर बॉलीवुड का नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।