हिमाचल की अस्थिरता बड़े भूंकप की घटनाओं का महत्वपूर्ण कारण बनकर उभर सकती है

By भाषा | Updated: April 9, 2021 20:11 IST2021-04-09T20:11:28+5:302021-04-09T20:11:28+5:30

Himachal's instability can emerge as an important cause of large earthquake events. | हिमाचल की अस्थिरता बड़े भूंकप की घटनाओं का महत्वपूर्ण कारण बनकर उभर सकती है

हिमाचल की अस्थिरता बड़े भूंकप की घटनाओं का महत्वपूर्ण कारण बनकर उभर सकती है

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल वैज्ञानिकों ने पाया है कि हिमालय हर दिशा में एक समान नही है और अलग-अलग दिशाओं में इसके भौतिक एवं यांत्रिकी गुणों में भिन्नता जान पड़ती है जिसके परिणामस्वरूप बड़े स्तर के भूकंप की घटनाएं हो सकती हैं।

भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में आने वाले गढ़वाल और हिमाचल प्रदेश में 20वीं शताब्दी की शुरुआत से मध्यम से तेज भूकंप की चार घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कांगड़ा में 1905 में आया भूकंप, 1975 का किन्नौर भूकंप, 1991 में उत्तरकाशी में आया भूकंप और 1999 को चमोली में आया भूकंप शामिल है।

ये भूकंपीय गतिविधियां बड़े पैमाने पर उपसतह विकृति और कमजोर क्षेत्र को दर्शाती हैं।

देहरादून के वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (डब्ल्यूआईएचजी) और आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने डब्ल्यूआईएचजी के डाटा के हवाले से दर्शाया कि उत्तर-पश्चिम हिमालयी क्षेत्र ठोस पदार्थों में मौजूद अनोखी विशेषता को प्रदर्शित करता है।

डब्ल्यूआईएचजी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन आता है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने एक बयान में कहा, '' उन्होंने पाया है कि हिमालय स्थिर नहीं है और अलग-अलग दिशाओं में इसके भौतिक एवं यांत्रिकी गुणों में भिन्नता जान पड़ती है। इनके ठोस पदार्थ में एक ऐसा लक्षण मौजूद है जिसे एनिसोट्रॉपी कहा जाता है जिसके परिणामस्वरूप हिमालयी क्षेत्रों में बड़े स्तर की भूकंपीय घटनाएं हो सकती हैं।''

इस संयुक्त शोध में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में कार्यरत 20 भूकंपीय स्टेशनों द्वारा दर्ज किए गए 167 भूंकपों की भूकंपीय तरंगों का उपयोग किया गया है।

यह शोध हाल ही में जर्नल '' लिथोस्फीयर (जीएसए)'' में प्रकाशित हुआ है।

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Web Title: Himachal's instability can emerge as an important cause of large earthquake events.

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