Himachal Cabinet: सुक्खू कैबिनेट का विस्तार, शिमला से तीन मंत्री, नए मंत्रियों का परिचय इस प्रकार...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 8, 2023 05:50 PM2023-01-08T17:50:52+5:302023-01-08T17:51:55+5:30
Himachal Cabinet: सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश मंत्रिपरिषद का रविवार को विस्तार किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह समेत सात मंत्रियों को इसमें शामिल किया गया है।

मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है।
शिमलाः हिमाचल प्रदेश के विस्तारित मंत्रिमंडल में शिमला जिले और राजपूत समुदाय के नेताओं का दबदबा कायम है। शामिल किए गए सात नए मंत्रियों में से तीन शिमला जिले से हैं। कांगड़ा, सोलन, किन्नौर और सिरमौर से एक-एक मंत्री शामिल किए गए हैं।
नए मंत्रियों का परिचय इस प्रकार है:
1-विक्रमादित्य सिंह: पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के पुत्र, विक्रमादित्य सिंह, दो बार के विधायक हैं और उनके पास सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से स्नातकोत्तर (इतिहास) की डिग्री है। उन्हें पूर्व में सार्वजनिक उपक्रमों और ई-गवर्नेंस-सह-सामान्य प्रयोजन समितियों के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।
सिंह पार्टी में काफी सक्रिय रहे हैं और हाल में हुए विधानसभा चुनावों में उन्होंने 15 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार किया था। इससे पहले वह हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह राष्ट्रीय स्तर पर राइफल और ट्रैप शूटिंग प्रतियोगिता में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
2- धनी राम शांडिल : हिमाचल विधानसभा के सबसे उम्रदराज विधायक धनी राम शांडिल (82) तीसरी बार निर्वाचित हुए हैं। शांडिल सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री तथा लोकसभा सदस्य रहे हैं। उन्होंने 1962-96 तक सशस्त्र बलों में सेवा की थी और कर्नल के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
With the blessings of the people & the support of party leadership, today I took oath as a Minister in the Himachal Pradesh Govt Cabinet. I feel extremely fortunate to have received this opportunity to serve the State. @INCHimachal@SukhuSukhvinder@JitendraSAlwar@RahulGandhipic.twitter.com/efJs2OjhLK
— Anirudh Singh (@anirudhsinghMLA) January 8, 2023
कांग्रेस में, उन्होंने मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में महासचिव और पार्टी प्रभारी के रूप में कार्य किया। वे कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य भी रह चुके हैं। पीएचडी कर चुके शांडिल को कल्याण, लोक प्रशासन और आचार समितियों के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था। वह सोलन (अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
3- अनिरुद्ध सिंह : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी सहयोगी और कसुम्पटी से तीन बार के विधायक अनिरुद्ध सिंह कोटि रियासत के पूर्व शाही परिवार से आते हैं। वह सार्वजनिक उपक्रमों, अधीनस्थ विधान और नियम समितियों के सदस्य और प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष और महासचिव तथा जिला परिषद के उपाध्यक्ष, सदस्य और अध्यक्ष रहे हैं। अनिरुद्ध सिंह शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को हराकर विधायक बने, जिनका निर्वाचन क्षेत्र शिमला (शहरी) से बदलकर कसुम्प्टी कर दिया गया था।
Himachal Pradesh | We'll implement the Old pension scheme. Rs 1500 to be given to women in state. Congress is fulfilling all the promises. In cabinet expansion, every region of the state has been given importance. Portfolios will be allocated soon: CM Sukhwinder Singh Sukhu pic.twitter.com/yL47e4rbNX
— ANI (@ANI) January 8, 2023
4- चंदर कुमार: बिना राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले एक जमीनी नेता, छह बार के विधायक और पूर्व लोकसभा सदस्य चंदर कुमार मेहनत से आगे बढ़े हैं। वह जावली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए। कॉलेज व्याख्याता से नेता बने कुमार पहली बार 1982 में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए और 1985, 1993, 1998, 2003 और 2022 में फिर से चुने गए।
वह 2004 से 2009 तक लोकसभा के सदस्य भी रहे। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं। भूगोल में स्नातकोत्तर, कुमार के पास कानून की डिग्री भी है और अध्यापन में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद राजनीति में शामिल हुए थे। उन्होंने वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकारों में मंत्री के रूप में भी कार्य किया तथा पर्यावरण और वन में उनकी विशेष रुचि है एवं उन्होंने भूमि उपयोग योजना, वन और पर्यावरण पर लेख लिखे हैं।
5- हर्षवर्धन चौहान : पूर्व मंत्री गुमन सिंह चौहान के बेटे और मुख्यमंत्री सुक्खू के करीबी सहयोगी हर्षवर्धन चौहान ने पूर्व में मुख्य संसदीय सचिव के रूप में कार्य किया था। शिलाई से छह बार के विधायक चौहान कानून स्नातक हैं। वह प्राक्कलन समिति, सामान्य विकास समिति और याचिका समिति के अध्यक्ष भी रहे थे।
अपने कॉलेज के दिनों से कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से जुड़े चौहान महासचिव और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे, और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे थे। वह पूर्व में स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद, हिमाचल प्रदेश राज्य युवा बोर्ड और सीनेट तथा वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के सदस्य रह चुके हैं।
6- जगत सिंह नेगी: किन्नौर के जनजातीय विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जगत सिंह नेगी पूर्व विधायक ज्ञान सिंह नेगी के पुत्र हैं। पांच बार के विधायक और हिमाचल विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नेगी कानून स्नातक हैं। वह पहले अधीनस्थ विधान समिति के अध्यक्ष और किन्नौर जिले में सेब और सब्जी उत्पादक संघ, बार एसोसिएशन, युवा कांग्रेस समिति तथा कांग्रेस समिति के अध्यक्ष थे।
नेगी हिमाचल प्रदेश फुटबाल संघ के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष तथा राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। अपने कॉलेज के दिनों में सक्रिय खिलाड़ी रहे नेगी राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेल चुके हैं।
7- रोहित ठाकुर : पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर राम लाल के पोते और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव, चार बार के विधायक रोहित ठाकुर को राज्य के सबसे जमीनी नेताओं में से एक माना जाता है और वे जुब्बल और कोटखाई क्षेत्र से आते हैं। सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और युवा कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य और बाद में कांग्रेस राज्य समिति के सचिव बने। उन्होंने बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान में डिग्री ली है।