Himachal Assembly bypoll results 2024: हिमाचल में बची सुक्खू सरकार!, उपचुनाव में कांग्रेस ने 6 में से 4 सीटें जीतीं, विधायकों की संख्या 38
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 5, 2024 09:18 IST2024-06-05T09:11:53+5:302024-06-05T09:18:48+5:30
Himachal Assembly bypoll results 2024: कांग्रेस के छह विधायकों सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो को सदन में उपस्थित रहने और बजट के दौरान सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए जारी व्हिप के उल्लंघन के सिलसिले में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

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Himachal Assembly bypoll results 2024: लो जी हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए राहत भरी खबर है। उपचुनाव रिजल्ट मंगलवार को घोषित हुए। लोकसभा के फैसले के विपरीत ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में छह में से चार सीटें जीतकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के हाथ मजबूत कर लिए हैं। हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला, लाहौल-स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ के लिए एक जून को लोकसभा चुनाव के साथ मतदान हुआ था। इसका कल फैसला हुआ। कांग्रेस के छह विधायकों सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो को सदन में उपस्थित रहने और बजट के दौरान सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए जारी व्हिप के उल्लंघन के सिलसिले में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
कांग्रेस के निष्कासित हिमाचल विधायक राजिंदर सिंह राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंदर कुमार भुट्टू और रवि ठाकुर को भाजपा ने मैदान में उतारा था। क्रमशः सुजानपुर, गगरेट, कुटलैहड़ और लाहौल-स्पीति में हार गए। कांग्रेस के दो अन्य बागी बड़सर में इंद्र दत्त लखनपाल और धर्मशाला में सुधीर शर्मा भाजपा के उम्मीदवार के रूप में जीते।
68 सदस्यीय विधानसभा में अब कांग्रेस के पास 38 विधायक हैं और बहुमत से 3 विधायक अधिक हैं। लाहौल-स्पीति में अनुराधा राणा, सुजानपुर में रणजीत सिंह, गगरेट में राकेश कालिया और कुटलैहड़ में विवेक शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बाजी मारी। चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि भाजपा में शामिल हुए चार कांग्रेसी दल 4 जून को अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों से उपचुनाव हार गए।
हिमाचल प्रदेश में छह विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने चार सीट पर जीत दर्ज की है। यह जानकारी निर्वाचन आयोग के आंकड़ों में दी गई। इस तरह पार्टी छोड़कर हाल में भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के चार बागियों को उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। चार विधानसभा क्षेत्रों में जीत के साथ सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या 38 हो गई है। सदन की प्रभावी संख्या 65 है।
परिणाम यह सुनिश्चित करता है कि राज्य में कांग्रेस सरकार को फिलहाल कोई तात्कालिक खतरा नहीं है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, कांग्रेस ने सुजानपुर, गगरेट, कुटलैहड़ और लाहौल एवं स्पीति विधानसभा सीट पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने धर्मशाला और बड़सर से जीत हासिल की।
सुजानपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के राजेंद्र राणा को कांग्रेस के उनके प्रतिद्वंद्वी रणजीत सिंह ने 2,440 मतों के अंतर से हरा दिया। राणा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे जिन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराया था। राणा हाल में जहां भाजपा में शामिल हो गए थे, वहीं सेवानिवृत्त कैप्टन सिंह, राणा को सुजानपुर उपचुनाव में भाजपा का टिकट दिए जाने के बाद कांग्रेस में चले गए थे। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार सिंह को जहां 29,529 वोट मिले, वहीं राणा को 27,089 वोट मिले।
लहौल एवं स्पीति उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस उम्मीदवार अनुराधा राणा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं निर्दलीय उम्मीदवार रामलाल मार्कंडा को 1,960 मतों के अंतर से हरा दिया। अनुराधा राणा 52 वर्षों में लाहौल एवं स्पीति से चुनाव लड़ने वाली पहली महिला हैं और वह विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाली दूसरी महिला बन गईं
उन्हें मार्कंडा को मिले 7,454 वोट के मुकाबले 9,414 वोट मिले जबकि भाजपा उम्मीदवार रवि ठाकुर 3,049 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा के सुधीर शर्मा ने धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा उपचुनाव 5,526 मतों के अंतर से जीता। पूर्व मंत्री शर्मा को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पार्टी से बगावत करने वालों का "सरगना" कहा था।
बड़सर से कांग्रेस के बागी एवं भाजपा प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल ने 2,125 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी सुभाष चंद को मिले 30,961 मतों के मुकाबले 33,088 वोट मिले। कांग्रेस के छह बागियों में शामिल रहे भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र भुट्टो कुटलैहड़ में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी विवेक शर्मा से 5,356 मतों से हार गए।
विवेक शर्मा को 36,853 वोट मिले जबकि भुट्टो को 31,497 वोट मिले। इस सीट से कुल चार उम्मीदवार मैदान में थे। हिमाचल प्रदेश में संबंधित विधानसभा सीट पर उपचुनाव चार लोकसभा सीट पर चुनाव के साथ एक जून को हुआ था। सुजानपुर, धर्मशाला, लाहौल एवं स्पीति, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ विधानसभा सीट बजट के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के पक्ष में मतदान करने संबंधी व्हिप का उल्लंघन करने पर कांग्रेस के बागियों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हो गई थीं।
इन बागियों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। इन लोगों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा। भाजपा ने जब कांग्रेस के बागियों को टिकट दिया, तो भाजपा के दो नेता भी कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर गए थे।
गगरेट और सुजानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे भाजपा के बागी राकेश कालिया और रणजीत सिंह ने चुनाव जीत लिया। वहीं, निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे दो अन्य बागी रामलाल मार्कंडा और राकेश चौधरी क्रमशः लाहौल एवं स्पीति और धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव हार गए। राज्य सरकार की स्थिरता के वास्ते सत्तारूढ़ दल के लिए उपचुनाव जीतना महत्वपूर्ण था क्योंकि छह विधायकों की अयोग्यता के बाद 68 सदस्यीय सदन में इसका संख्याबल 34 रह गया था।