पैथोलोजी लैब आनलाइन नियमन संबंधी आदेश को लेकर उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को आगाह किया
By भाषा | Published: March 5, 2021 04:33 PM2021-03-05T16:33:25+5:302021-03-05T16:33:25+5:30
नयी दिल्ली, पांच मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह उम्मीद करता है कि आप सरकार चीजों को दुरूस्त करेगी और न्यायिक आदेश का पालन करेगी जिसके तहत अधिकारियों से कहा गया था कि वे ऑनलाइन पैथोलॉजिक प्रयोगशालाओं को नियमित करें। अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
उच्च न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आरोप लगाया गया कि इस सिलसिले में उसके आदेशों का पालन नहीं हुआ। न्यायालय ने आम आदमी पार्टी की सरकार से जानना चाहा कि क्या इसकी पैथोलॉजिकल प्रयोगशालाएं और अस्पताल एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं अथवा नहीं।
याचिका में उच्च न्यायालय के छह अगस्त 2020 के आदेश का पालन नहीं करने के आरोप लगाए गए जिसमें दिल्ली में अवैध ऑनलाइन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे और ऑनलाइन पैथोलॉजिकल प्रयोशालाओं को नियमित करने का आदेश दिया गया था।
न्यायमूर्ति नाजमी वजीरी ने कहा, ‘‘प्रक्रिया में कुछ मौलिक गलतियां हैं। क्या आपकी अपनी प्रयोगशालाएं और अस्पताल एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिबरेशन लैबोरेटरीज) से संबद्ध हैं? यह बहुत ही मौलिक प्रश्न है।’’
दिल्ली सरकार के अतिरिक्त वकील संजय घोष और उर्वी मोहन ने कहा कि सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें सभी प्रयोगशालाओं को सूचित किया गया है कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करना होगा।
उच्चतम न्यायालय ने आठ अप्रैल 2020 को निर्देश दिया था कि कोविड-19 की जांच एनएबीएल से संबद्ध प्रयोगशालाओं या डब्ल्यूएचओ या आईसीएमआर से संबद्ध एजेंसियों से ही कराई जाएं।
उच्च न्यायलय ने मामले में दिल्ली सरकार को निर्देश हासिल करने के लिए और समय दिया और मामले में सुनवाई की अगली तारीख 12 मार्च तय की।
न्यायमूर्ति वजीरी ने मौखिक टिप्पणी की, ‘‘मैं आपसे उम्मीद करता हूं कि चीजों को दुरूस्त करें या हमें अवमानना नोटिस जारी करना होगा और आपके सभी प्रतिष्ठानों को बंद करना पड़ेगा। कोई हल निकालिए और चीजों को दुरूस्त कीजिए।
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