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उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ जारी ईडी का समन खारिज करने से किया इनकार

By भाषा | Updated: October 29, 2021 23:44 IST

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मुंबई, 29 अक्टूबर बंबई उच्च न्यायालय ने कथित धनशोधन और भ्रष्टाचार के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को खारिज करने का अनुरोध करने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।

अदालत ने कहा कि देशमुख यह साबित करने में असफल रहे हैं कि एजेंसी उनके खिलाफ दुर्भावना से कार्रवाई कर रही है।

न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति एसवी कोतवाल की पीठ ने कहा कि पूर्व मंत्री की याचिका इस योग्य नहीं है कि उसके आधार पर निदेशालय या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को उनके खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई करने से रोका जाए।

पीठ ने कहा कि राकांपा नेता जिन्होंने इस साल राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था अदालत में यह साबित करने में असफल रहे कि दो केंद्रीय एजेंसियां द्वारा उनकी जांच और पूछताछ के लिए समन दुर्भावना की वजह से भेजे गए है।

बहरहाल, अदालत ने यह कहा कि यदि देशमुख को इस मामले में अपनी गिरफ्तारी की आशंका है, तो उनके पास किसी भी अन्य वादी की तरह उचित अदालत के पास जाकर राहत मांगने का अधिकार है।

अदालत ने निदेशालय को निर्देश दिया कि वह देशमुख से पूछताछ के दौरान उनके वकील को केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में इतनी दूरी पर मौजूद रहने की अनुमति दे, जहां वह उन्हें ‘‘देख सके, लेकिन सुन नहीं सके।’’

सीबीआई ने भ्रष्टाचार और अपने आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर इस साल 21 अप्रैल को राकांपा नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद निदेशालय ने देशमुख एवं अन्य के खिलाफ जांच आरंभ की और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया।

सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी। इस प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने भी धनशोधन की जांच शुरू की।

पीठ के समक्ष उपस्थित देशमुख के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि उनका मुवक्किल राजनीतिक बदले की कार्रवाई का पीड़ित है और उन्होंने ईडी के नोटिस के समय पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी उस व्यक्ति के आरोपों पर कार्रवाई कर रही हैं जो खुद जघन्य अपराध का आरोपी है।

ईडी और सीबीआई की ओर से पेश क्रमश : अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल अमन लेखी और अनिल सिंह ने देशमुख की अपील का विरोध किया। उन्होंने दुर्भावना और पूर्वाग्रह के आरोप का भी खंडन किया। लेखी ने कहा कि देशमुख अब मंत्री नहीं हैं और अब उनके पास विशेषाधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि ईडी ने इस साल जून और जुलाई के बीच कम से कम पांच बार समन भेजा लेकिन पूर्व मंत्री एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए।

उन्होंने कहा कि अन्य आम नागरिक की तरह देशमुख भी कानूनी रूप से एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए बाध्य हैं।

उच्च न्यायालय ने भी उनके तर्कों से सहमति जताई।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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