उच्च न्यायालय ने पर्यटन स्थलों पर कोविड नियमों के उल्लंघन के लिए उत्तराखंड सरकार की खिंचाई की

By भाषा | Updated: July 29, 2021 00:06 IST2021-07-29T00:06:24+5:302021-07-29T00:06:24+5:30

high court pulls up uttarakhand government for violation of covid rules at tourist places | उच्च न्यायालय ने पर्यटन स्थलों पर कोविड नियमों के उल्लंघन के लिए उत्तराखंड सरकार की खिंचाई की

उच्च न्यायालय ने पर्यटन स्थलों पर कोविड नियमों के उल्लंघन के लिए उत्तराखंड सरकार की खिंचाई की

नैनीताल, 28 जुलाई उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पर्यटन स्थलों पर कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया के तहत नियमों के उल्लंघन के लिए बुधवार को राज्य सरकार की खिंचाई की और उच्चतम न्यायालय में लंबित चारधाम यात्रा मामले के निस्तारण तक उस पर लगी रोक भी आगे बढ़ा दी।

नैनीताल आ रहे 75 प्रतिशत पर्यटकों के कोविड-19 एसओपी का पालन नहीं करने और उससे पिछले सप्ताह संक्रमण के मामलों में वृद्धि होने का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान तथा न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सप्ताहांत में पर्यटन स्थलों में बढ़ती भीड़ को लेकर चिंता प्रकट की और उसे नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में राज्य सरकार से सवाल पूछा।

उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के बीच चारधाम यात्रा संचालित करने में जोखिम के मद्देनजर 28 जून को उसे शुरू करने पर रोक लगा दी थी जिसे राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। हांलांकि, इस पर उच्चतम न्यायालय में अभी सुनवाई शुरू नहीं हुई है।

महामारी के बीच यात्रा के लिए राज्य सरकार की तैयारियों से संबंधित जनहित याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शिव भट्ट ने कहा कि चारधाम यात्रा के संबंध में राज्य सरकार द्वारा दायर की गयी विशेष अनुमति याचिका पर उच्चतम न्यायालय में अभी सुनवाई नहीं हुई है इसलिए यात्रा पर रोक के आदेश को आगे विस्तारित किया जाना चाहिए।

उच्च न्यायालय द्वारा चारधाम यात्रा पर स्थगनादेश के बुधवार को समाप्त होने के मद्देनजर उसे सुनवाई की अगली तारीख 18 अगस्त या उच्चतम न्यायालय में इससे संबंधित मामले के निस्तारण होने की अवधि तक आगे बढ़ा दिया गया।

अदालत ने सप्ताहांत में पर्यटन स्थलों में बढ़ती भीड़ पर चिंता जाहिर करते हुए जिला प्रशासनों से पूछा कि उनके पास पर्यटकों को नियंत्रित करने की क्या योजना है। अदालत ने टिप्पणी की कि नैनीताल में ही 75 प्रतिशत पर्यटक एसओपी का पालन नहीं कर रहे हैं, कोई भी सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहा है और इसके कारण पिछले सप्ताह नैनीताल में संक्रमण के 10 मामले आए। अदालत ने जानना चाहा कि कोविड-19 एसओपी का पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ कितने मामले दर्ज किए गए।

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से सरकारी अस्पतालो में चिकित्सकों, नर्सों और तकनीकी स्टाफ की रिक्तियों की संख्या तथा उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा। अदालत ने जिला अस्पतालों को एंबुलेंसों की वास्तविक स्थिति सामने लाने को कहा तथा जिला अस्पतालों में एंबुलेंस की संख्या, उनकी दशा तथा जरूरत के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा।

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने अदालत को बताया कि प्रदेश में 95 ब्लॉक हैं। राज्य में 108 सेवा की 54 एंबुलेंस हैं और हर ब्लॉक में एक एंबुलेंस के हिसाब से अभी 41 एंबुलेंसों की और जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक अर्जी भेजी गई है।

अदालत ने प्रदेश में जारी कोविड टीकाकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी व्यक्तिगत तौर पर निगरानी करने के निर्देश दिए। टीकाकरण केंद्रों की संख्या को पर्याप्त नहीं बताते हुए अदालत ने सरकार से पूछा कि दिव्यांग लोगों के टीकाकरण के लिए सरकार क्या कर रही है।

अदालत ने जांच के लिए भेजे गए 300 संदिग्ध डेल्टा प्लस स्वरूप के नमूनों के परिणाम तथा अब तक संक्रमण से हुई मृत्यु की संख्या के बारे में भी पूछा। अदालत ने राज्य सरकार से इस संबंध में 18 अगस्त तक विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।

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Web Title: high court pulls up uttarakhand government for violation of covid rules at tourist places

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