कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: April 13, 2021 22:05 IST2021-04-13T22:05:07+5:302021-04-13T22:05:07+5:30

High court in favor of complete lockdown in districts most affected by corona virus | कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में उच्च न्यायालय

कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में उच्च न्यायालय

प्रयागराज, 13 अप्रैल इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को उन जिलों में कम से कम दो से तीन सप्ताह के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने और लोगों की भीड़ 50 तक सीमित करने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया जहां कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक ढंग से बढ़ रहा है।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज और पृथक-वास केंद्रों की स्थिति को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को दवा कंपनियों को कच्चा माल उपलब्ध कराके रेमडेसिवर दवा का पर्याप्त उत्पादन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया जिससे इस दवा की खुले बाजार में आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। अदालत ने इस दवा की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा।

पीठ ने कहा, “कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है और चिकित्सा प्रणाली पूर्ण संतृप्ति की स्थिति में पहुंच गई है। हमें बताया गया है कि कोविड-19 अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं और अस्पतालों में कर्मचारियों और सुविधाओं की कमी है। स्थिति इतनी भयावह है कि यदि इससे सावधानीपूर्वक नहीं निपटा गया तो सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से बैठने की स्थिति में पहुंच सकती है।”

पीठ ने निर्देश दिया, “जहां हमारा जोर उन मरीजों की मांग पूरी करने के लिए बाइपैप मशीनों और हाई फ्लो कैनुला मास्क की आपात खरीद किए जाने पर है जो कोविड अस्पतालों केंद्रों के गलियारों में पड़े हैं, वहीं हम सरकार को सबसे अधिक प्रभावित जिलों में अस्थायी एल-1 अस्पताल खोलने के लिए शहरी क्षेत्र में खुली जगहों का अधिग्रहण करने का निर्देश देते हैं।”

पीठ ने आगे कहा, “एल-1 अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सेवा के लिए सरकार तत्काल अनुबंध आधार पर कर्मचारियों की व्यवस्था करे। साथ ही प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर जैसे जिलों के एल-2 और एल-3 अस्पतालों एवं सभी जिला अस्पतालों के लिए एंबुलेंस में बाइपैप मशीन और हाई फ्लो कैनुला मास्क की आपूर्ति के लिए तत्काल इनकी खरीद करें।”

पीठ ने कहा, “हमें बताया गया है कि नई कोविड जांच मशीनें (कोबास) जांच किट के अभाव में काम नहीं कर रही हैं। हम राज्य सरकार को 24 घंटे के भीतर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज, प्रयागराज में कोबास मशीनों के लिए जांच किट उपलब्ध कराने का निर्देश देते हैं।”

अदालत ने राज्य सरकार को राज्य में टीकाकरण कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया।

गैर कोविड मरीजों की चिकित्सा जरूरतों पर पीठ ने कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लोग अन्य बीमारियों से भी पीड़ित हैं और उन्हें न केवल त्वरित चिकित्सा सहायता की जरूरत है, बल्कि आईसीयू में भर्ती होने की भी जरूरत पड़ती है।” पीठ ने राज्य सरकार को अस्पतालों के लिए और अधिक संख्या में आईसीयू बेड खरीदने का निर्देश दिया।

पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 अप्रैल तय करते हुए कहा, “हमें चुनाव से अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी और सरकार से मौजूदा स्थिति को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य के हर विभाग को दुरुस्त करने की उम्मीद की जाती है।”

सुनवाई के दौरान, कुछ वकीलों ने शिकायत की कि स्वास्थ्य अधिकारी कोरोना के कम मरीज दिखाने के लिए उचित तरीके से कोरोना की जांच नहीं कर रहे हैं और जांच के नमूने 12 घंटे से अधिक समय तक प्रतीक्षारत रखे जा रहे हैं।

अदालत ने अगली सुनवाई के दौरान प्रयागराज के जिलाधिकारी और सीएमओ को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित रहने का निर्देश दिया।

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Web Title: High court in favor of complete lockdown in districts most affected by corona virus

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