चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि विदेश यात्रा से रोकने वाला लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) हवाईअड्डे पर रोके जाने के दौरान व्यक्ति को दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही प्रभावित व्यक्ति को कारण भी बताया जाना चाहिए।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने आगे कहा कि व्यक्ति को एलओसी के खिलाफ निर्णय के बाद सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, अदालत ने बैंक को उसे एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि हमारी राय में विदेश यात्रा के लिए हवाईअड्डे पर रोके जाने के दौरान एलओसी पाने वाले को एलओसी की एक प्रति न देना, कारण न बताना और एलओसी पर निर्णय के बाद की सुनवाई का अभाव उचित प्रक्रिया नहीं है। यह भारत के संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है।
पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि विदेश यात्रा एक मौलिक अधिकार है और किसी व्यक्ति को उचित प्रक्रियाओं के आधार पर ही रोका जाना चाहिए।
यह एलओसी बैंक ऑफ इंडिया के अनुरोध पर जारी किया गया था। वहीं, याचिकाकर्ता उस कंपनी का गारंटन था जिस पर कर्ज न चुकाने का आरोप था। याचिकाकर्ता 90 फीसदी छात्रवृत्ति पर पोस्ट ग्रेजुएट एमबीए कोर्स करने के लिए एक अमेरिकी विश्वविद्यालय में शामिल होने के लिए यात्रा कर रहा था।