पश्चिम बंगालः HC ने कहा-ममता सरकार करे सुनिश्चित कि सार्वजनिक जगहों पर नहीं हों पशु वध
By भाषा | Updated: August 22, 2018 15:07 IST2018-08-22T15:07:57+5:302018-08-22T15:07:57+5:30
एक जनहित याचिका पर न्यायालय के पहले के एक आदेश के सिलसिले में राज्य सरकार द्वारा दाखिल एक संशोधन आवेदन पर आदेश पारित करते हुए मुख्य न्यायाधीश जे. भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हैरत जताई कि राज्य सरकार के पास 68 साल पुराने कानून के प्रावधानों को लागू कराने की मशीनरी नहीं है।

पश्चिम बंगालः HC ने कहा-ममता सरकार करे सुनिश्चित कि सार्वजनिक जगहों पर नहीं हों पशु वध
कोलकाता, 22 अगस्त: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि किसी सार्वजनिक स्थल पर पशुओं का वध नहीं हो। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिकारियों को ऐसे जरूरी कदम उठाने के भी निर्देश दिए जिससे अगले साल ईद-उल जुहा (बकरीद) पर्व से पहले पश्चिम बंगाल पशु वध नियंत्रण कानून-1950 के प्रावधानों पर अमल सुनिश्चित हो।
एक जनहित याचिका पर न्यायालय के पहले के एक आदेश के सिलसिले में राज्य सरकार द्वारा दाखिल एक संशोधन आवेदन पर आदेश पारित करते हुए मुख्य न्यायाधीश जे. भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हैरत जताई कि राज्य सरकार के पास 68 साल पुराने कानून के प्रावधानों को लागू कराने की मशीनरी नहीं है।
न्यायमूर्ति ए. बनर्जी की सदस्यता वाली पीठ ने कहा, ‘‘किसी ने निश्चित तौर पर अपेक्षा की होगी कि इस समय तक राज्य सरकार के पास एक ऐसी मशीनरी होगी ताकि 1950 के उक्त कानून, जो विधानमंडल द्वारा ही बनाया गया है, के प्रावधानों को लागू किया जा सके।’’
बहरहाल, न्यायालय ने महाधिवक्ता किशोर दत्ता की ओर से दायर संशोधन आवेदन को मंजूर कर लिया ताकि कानून के प्रावधानों पर इस साल की बजाय अगले साल ईद-उल जुहा पर्व से पहले अमल सुनिश्चित किया जा सके।