हिजाब विवाद की आंच से बढ़ी कश्मीर में गर्मी, फारूख अब्दुल्ला ने कहा, वोट पाने के लिए चुनावी हथकंडा है हिजाब
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 13, 2022 09:44 PM2022-02-13T21:44:00+5:302022-02-13T21:48:09+5:30
हिजाब विवाद पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इस विवाद को चुनावी हथकंडा मानते हुए राजनीतिक दलों की साजिश करार दिया है।
कश्मीर: देश में सुलगते हुए हिजाब विवाद की आंच अब जम्मू-कश्मीर भी पहुंच गई है। कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ यह मसला मौजूदा वक्त में देश का सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
सियासी दल इस मसले को अपने नफे-नकसान के हिसाब से हवा दे रहे हैं और अब इस मामले में जम्मू-कश्मीर से नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख डॉक्टर फारूख अब्दुल्ला भी कूद पड़े हैं।
हिजाब विवाद पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इस विवाद को चुनावी हथकंडा मानते हुए राजनीतिक दलों की साजिश करार दिया है।
फारूख अब्दुल्ला का मामना है कि हिजाब पर बिना किसी कारण सियासत की जा रही है, जबकि यह सिर्फ एक पहनावे का मसला है।अब्दुल्ला ने इस मामले में कहा, "देश का संविधान सभी लोगों को बराबर तरीके से अपनी इच्छा के हिसाब से कपड़े पहनने और खाना खाने का अधिकार है। देश में सभी लोग अपनी-अपनी आस्थाओं के हिसाब से धार्मिक मान्यताओं को निभाने के लिए आजाद हैं, इसलिए किसी को भीा इस मुल्क में किसी पर कोई भी चीज जबरदस्ती थोपने का अधिकार नहीं कि वो क्या पहनें और क्या न पहनें।"
फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पत्रकारों के साथ बात करते हुए कहा कि कट्टरपंथी ताकतें देश में सांप्रदायिक माहौल बनाकर लोगों को बांटना चाहती हैं और इसी के बल पर चुनाव जीतने की भी कोशिश हो रही है। इसलिए एक धर्म विशेष को निशाना बनाया जा रहा है।
इस दौरान नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने पोड़ी मुल्क पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य किये जाने पर बल देते हुए कहा कि ये दोनों मुल्कों के लिए जरूरी है कि दोनों ओर की सरकारें बातचीत के टेबल पर एक साथ बैठें और सरहद के दोनों तरफ अमन-चैन कायम करें।
अब्दुल्ला ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी संबंध जैसे ही ठीक होंगे दुश्मनी का माहौल खत्म हो जाएगा। दोनों देशों के हुक्मरानों को इस बात पर संजीदगी से सोचना चाहिए कि इस तनाव से किसी का फायदा नहीं होने वाला है।