कोरोना मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सस्ते स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन को दी मंजूरी, जान बचाने में है कारगर
By सुमित राय | Published: June 27, 2020 05:37 PM2020-06-27T17:37:14+5:302020-06-27T17:47:45+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टेरॉयड ड्रग डेक्सामेथासोन को मिथाइलप्रेड्निसोलोन के विकल्प के तौर पर क्लीनिकल प्रोटोकॉल में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए शामिल किया है
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और देशभर में अब तक 5 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं। इस बीच कोरोना मरीजों के इलाज के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेक्सामेथासोन की मंजूरी दे दी है। स्टेरॉयड ड्रग डेक्सामेथासोन, मिथाइलप्रेड्निसोलोन की विकल्प होगी।
बता दें मिथाइलप्रेडनिसोलोन पहले से कोरोना वायरस के मरीजों को दी जा रही थी, लेकिन डेक्सामेथासोन को मंजूरी मिलने के बाद अब मिथाइलप्रेडनिसोलोन के विकल्प के तौर पर मरीजों को दिया जा सकता है।
डेक्सामेथासोन क्या है
डेक्सामेथासोन एक कॉर्टिकोस्टेरॉइड है जिसका आमतौर पर शरीर में सूजन की स्थिति को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है जैसे कि एलर्जी संबंधी विकार और सूजन आंत्र रोग। इसके अलावा इस दवा का ल्यूपस, रुमेटीइड आर्थराइटिस और मायस्थेनिया ग्रेविस जैसे ऑटोइम्यून डिजीज के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
किन बीमारियों के लिए इस्तेमाल होती है डेक्सामेथासोन
यह सूजन को कम करके रोगियों को इन बीमारियों से बचाने में सहायक है। इसे शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा को दबाने के लिए भी जाना जाता है। यही वजह है कि रोगियों को अक्सर टीबी जैसे संक्रमण का टेस्ट किये जाने के बाद ही इसे शुरू किया जाता है। दवा के उपयोग के दौरान रोगी को इस तरह के संक्रमण को पकड़ने की संभावना बहुत अधिक है। अगर इसके दुष्प्रभावों की बात करें तो इसमें अवसाद और रक्तचाप का बढ़ना शामिल हैं।
गंभीर मरीजों में मरने का जोखिम करीब एक तिहाई हो जाता है कम
शोधकर्ताओं का कहना है कि डेक्सामेथासोन के उपयोग से कोरोना से गंभीर रूप से बीमार मरीजों के मरने का जोखिम करीब एक तिहाई इस दवा की वजह से कम हो जाता है। जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, उनमें पांचवें हिस्से के बराबर मरने का जोखिम कम हो जाता है। मंगलवार को नतीजों की घोषणा की गई और जल्द ही अध्ययन को प्रकाशित किया जाएगा।
दवा के इस्तेमाल से 35 प्रतिशत घटी मृत्यु दर
अध्ययन के मुताबिक सख्ती से जांच करने और औचक तौर पर 2104 मरीजों को दवा दी गई और उनकी तुलना 4321 मरीजों से की गई, जिनकी साधारण तरीके से देखभाल हो रही थी। दवा के इस्तेमाल के बाद श्वसन संबंधी मशीनों के साथ उपचार करा रहे मरीजों की मृत्यु दर 35 प्रतिशत तक घट गई। जिन लोगों को ऑक्सीजन की सहायता दी जा रही थी उनमें भी मृत्यु दर 20 प्रतिशत कम हो गयी।
सस्ती है स्टेरॉयड ड्रग डेक्सामेथासोन
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता पीटर होर्बी ने एक बयान में कहा, "ये काफी उत्साहजनक नतीजे हैं। मृत्यु दर कम करने में और ऑक्सीजन की मदद वाले मरीजों में साफ तौर पर इसका फायदा हुआ। इसलिए ऐसे मरीजों में डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल होना चाहिए। डेक्सामेथासोन दवा महंगी भी नहीं है और दुनियाभर में जान बचाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है।"
देश में कोरोना की चपेट में 5 लाख से ज्यादा लोग
देशभर में कोरोना वायरस की चपेट में अब तक 5 लाख 8 हजार 953 लोग आ चुके हैं, जिसमें से 15685 लोग इस महामारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। देशभर में 295880 लोग कोविड-19 से ठीक हुए है और एक व्यक्ति देश से बाहर जा चुके हैं। भारत में कोरोना वायरस के 197387 एक्टिव केस मौजूद हैं।