लाइव न्यूज़ :

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- जिला अस्पतालों का निजीकरण करते समय मरीजों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जायेगा

By भाषा | Updated: February 5, 2020 05:57 IST

मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि पिछले 25 वर्षों में सफलतापूर्वक इस तरह के प्रयोग लागू किए गए हैं, यहां तक ​​कि सरकारी थिंक-टैंक नीति आयोग ने इस पर ध्यान दिया है और उसने दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार किेया है

Open in App

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि सरकारी अस्पतालों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी मेडिकल कॉलेजों को सौंपने के दौरान सरकार मरीजों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी।

मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि पिछले 25 वर्षों में सफलतापूर्वक इस तरह के प्रयोग लागू किए गए हैं, यहां तक ​​कि सरकारी थिंक-टैंक नीति आयोग ने इस पर ध्यान दिया है और उसने दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार किेया है। मंत्री ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) अधिनियम 1999 के अनुच्छेद 2 (5) के तहत इस कदम की अनुमति है और उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि यह निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा रहा है।

एक पूरक प्रश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘हम मरीजों के हितों से समझौता किए बिना जिला अस्पतालों को निजी क्षेत्र को सौंपेंगे।’’ उन्होंने कहा कि एक निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज हो सकते हैं लेकिन मरीजों के लिए अस्पताल नहीं हो सकते। सरकार के पास मरीजों के साथ कई जिला अस्पताल हैं।

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के पास अस्पतालों को चलाने के लिए पैसा है। उन्होंने कहा कि सफल मामलों को देखने के बाद, नीति आयोग ने भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया मौजूदा निजी मेडिकल कालेजों को संचालित जिला अस्पतालों के साथ व्यवहार्यता अंतर निधि के माध्यम से जोड़ने को लेकर मसौदा मानदंडों के साथ योजनाएं पेश की। बजट 2020-21 में आकांक्षी जिलों के लिए इनकी घोषणा की गई है।

मंत्री ने सीपीआई के सदस्य के इस विचार से भी असहमति जताई कि चिकित्सा शिक्षा में निजी क्षेत्र का प्रवेश, शिक्षा की गुणवत्ता को नष्ट कर रहा है।       उन्होंने कहा, ‘‘देश के कुछ बेहतरीन मेडिकल कॉलेज अंतरराष्ट्रीय ख्याति के हैं और बेहतर सेवाएं प्रदान करते हैं।’’  

सरकार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज कानून, 1999 की एमसीआई स्थापना के अनुच्छेद 2 (5) में कहा गया है कि उपयुक्त सरकार किसी व्यक्ति / एजेंसी / ट्रस्ट द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए अपने स्वामित्व वाले और प्रबंधन किये जाने वाले अस्पताल की सुविधाओं के उपयोग की अनुमति दे सकती है। इस उद्देश्य के लिए एक समझौता ज्ञापन करना होगा।      

 गरीब रोगियों के डायलिसिस के बारे में पूछे गये एक अलग प्रश्न के जवाब में, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएमएनडीपी) के तहत पुरानी किडनी रोगों के प्रबंधन के लिए जिला अस्पतालों में डायलिसिस सेवाएं प्रदान की जाती हैं।      

पीएमएनडीपी के तहत डायलिसिस सेवाएं गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रोगियों को नि: शुल्क प्रदान की जाती हैं। आंध्र प्रदेश में, यह कार्यक्रम 35 केंद्रों के साथ सभी 13 जिलों में लागू किया गया है।

टॅग्स :हर्षवर्धन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतदिल्ली: चांदनी चौक में भागीरथ पैलेस मार्केट में लगी आग से रात भर जूझते रहे दमकलकर्मी, इमारत के ज्यादातर हिस्से क्षतिग्रस्त

बॉलीवुड चुस्कीअनिल कपूर और हर्षवर्धन कपूर स्टारर फिल्म 'थार' का ट्रेलर रिलीज, पिता-बेटे के बीच फेस ऑफ देखने के लिए उत्सुक हैं फैंस

भारतब्लॉग: मोदी सरकार की नई टीम से क्यों हुए दिग्गज बाहर? अंदरखाने से आ रही अलग-अलग कहानी

भारतस्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन हटे, राहुल गांधी का तंज, इसका मतलब है कि अब टीकों की और कमी नहीं होगी...

भारतभाजपा संगठन में अब बदलाव की तैयारी! रविशंकर प्रसाद सहित जावड़ेकर और हर्षवर्धन को मिलगी बड़ी जिम्मेदारी

भारत अधिक खबरें

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी