भाजपा संगठन में अब बदलाव की तैयारी! रविशंकर प्रसाद सहित जावड़ेकर और हर्षवर्धन को मिलगी बड़ी जिम्मेदारी
By नितिन अग्रवाल | Published: July 8, 2021 09:21 AM2021-07-08T09:21:07+5:302021-07-08T09:21:07+5:30
नरेंद्र मोदी कैबिनेट का विस्तार बुधवार को हो गया। इसके तहत 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इसमें 36 नए चेहरे शामिल किए गए। इस बीच अब भाजपा संगठन में भी बड़े बदलाव की तैयारी है।
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब भाजपा संगठन के पदाधिकारियों में भी बड़ा बदलाव हो सकता है। पहले ही कई रिक्तियों वाली पार्टी की शीर्षस्थ संस्था संसदीय बोर्ड में थावरचंद गहलोत को राज्यपाल बनाने से एक और जगह खाली हुई है।
वहीं, भूपेंद्र यादव के सरकार में शामिल होने से महासचिव पद का भी एक स्थान रिक्त हो गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि खाली पदों को भरने के साथ मंत्रिमंडल छोड़ने वाले कद्दावर नेताओं को संगठन में अहम जिम्मेदारी मिलेगी।
माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद और डॉ हर्षवर्धन सरीखे दिग्गज नेताओं को संगठन में अहम में जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जल्द ही अपनी नई टीम की घोषणा कर सकते हैं।
ऐसे में उपाध्यक्ष, महासचिव और 25 मोर्चा और विभागों के प्रमुखों के रूप में पार्टी में संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव हो सकता है। नड्डा का फोकस इन विभागों और मोर्चा को नई दिशा देने पर होगा। नई नियुक्तियों में भी पार्टी के 'एक व्यक्ति एक पद' के सिद्धांत का पालन किया जाएगा।
इसके साथ ही पदाधिकारियों की नियुक्ति में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के आगामी विधानसभा चुनाव को भी ध्यान में रखा जाएगा।
संसदीय बोर्ड में रिक्तियां बढ़ीं
अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार के निधन के बाद से ही संसदीय बोर्ड में उनकी जगह खाली है। थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनने के बाद एक स्थान और रिक्त हुआ है। जानकारों का मानना है कि संसदीय बोर्ड में एक सदस्य अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए किसी दलित या आदिवासी नेता को संसदीय बोर्ड में शामिल किया जाएगा।
माना जा रहा है कि यह जिम्मेदारी उपनेता पीयूष गोयल को दी जा सकती है। हालांकि मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान और प्रकाश जावड़ेकर को भी ये जिम्मेदारी देने की संभावना जताई जा रही है।
इससे पहले शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी में उपाध्यक्ष का पद खाली हुआ, जिस पर अभी तक कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में पार्टी के सभी 10 उपाध्यक्षों के पदों पर भी उनमें से कुछ को समायोजित किया जा सकता है।