नई दिल्ली/मुंबईः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यस बैंक की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी। रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित इस योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) यस बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा।
निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक भी संकटग्रस्त यस बैंक में 600 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। यस बैंक के पुनर्गठन की योजना के तहत एक्सिस बैंक उसके 60 करोड़ शेयर 600 करोड़ रुपये में खरीदेगा। इसके अलावा आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी ने भी यस बैंक में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है।
कोटक महिंद्रा बैंक भी यस बैंक में 500 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करेगा। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में एक्सिस बैंक ने कहा कि उसके निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में यस बैंक लि. के दो रुपये प्रत्येक के 60 करोड़ शेयर आठ रुपये के प्रीमियम पर 600 करोड़ रुपये में खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
यस बैंक में यह निवेश बैंकिंग नियमन कानून, 1949 के तहत प्रस्तावित योजना यस बैंक लि. का पुनर्गठन के तहत किया जाएगा। सरकार ने शुक्रवार को यस बैंक के लिए रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तावित राहत पैकेज को मंजूरी दे दी। इसके तहत भारतीय स्टेट बैंक यस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए 7,250 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक भी यस बैंक के 100 करोड़ शेयरों के अधिग्रहण के लिए उसमें 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। बीएसई में शुक्रवार को एक्सिस बैंक का शेयर 4.67 प्रतिशत की बढ़त के साथ 568.20 रुपये पर बंद हुआ।
रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को यस बैंक पर रोक लगायी थी। साथ ही ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये तक निकासी सीमा तय की थी। यह रोक तीन अप्रैल तक के लिए लगायी गयी है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था। पुनर्गठन योजना की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एसबीआई यस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। बाकी अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
ICICI बैंक, HDFC बैंक और एक्सिस बैंक 1-1 हजार करोड़ रुपये डालेंगे
यस बैंक को बचाने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कई प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत 12,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। आईसीआईसीआई बैंक ने शुक्रवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने यस बैंक में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी। बैंक ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा, ‘‘इस निवेश से आईसीआईसीआई बैंक की यस बैंक में हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से अधिक हो जायेगी।’’ HDFC ने कहा कि वह यस बैंक में 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
यही नहीं भारतीय स्टेट बैंक ने आरबीआई को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के अलावा कारोबारी राधाकिशन दमानी, राकेश झुनझुनवाला और अजीम प्रेमजी ट्रस्ट की ओर से भी निवेश किया जाएगा। पूरे मामले से जुड़े तीन सूत्रों के हवाले से इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर निवेशक पर तीन साल तक शेयरों की खरीद-बिक्री पर रोक रहेगी। एसबीआई के मामले में वह अपनी हिस्सेदारी को तीन साल तक 26 प्रतिशत से कम नहीं कर सकेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि यस बैंक की अधिकृत पूंजी 1,100 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,200 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस पुनर्गठन योजना को खाताधारकों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखकर मंजूर किया गया है। यह यस बैंक और साथ-साथ पूरी वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करेगा।
पुनर्गठन योजना को अधिसूचित किए जाने के तीन दिन के भीतर यस बैंक पर लगी रोक को हटा लिया जाएगा। साथ ही इस अधिसूचना के सात दिन के भीतर निदेशक मंडल का गठन कर लिया जाएगा। बृहस्पतिवार को एसबीआई ने यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करने की मंजूरी दी थी। यह उसकी शुरुआती 2,450 करोड़ रुपये निवेश की योजना से बहुत अधिक है।
एसबीआई की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि यस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी उसके पास होगी और 45 फीसदी हिस्सा एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसी बैंक और कारोबारी राधाकिशन दमानी, राकेश झुनझुनवाला और अजीम प्रेमजी ट्रस्ट के पास होगा।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक एसबीआई के अलावा 7 अन्य निवेशक यस बैंक में रकम लगाएंगे। प्रस्ताव के मुताबिक अकेले एसबीआई ही यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इसके अलावा ICICI बैंक, HDFC बैंक और एक्सिस बैंक 1-1 हजार करोड़ रुपये डालेंगे। वहीं कारोबारी राधाकिशन दमानी, राकेश झुनझुनवाला और अजीम प्रेमजी ट्रस्ट की ओर से 500 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है।" कोटक महिंद्रा बैंक ने यस बैंक में 50 करोड़ शेयर लेने के लिए 500 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है।