कर्नाटक चुनाव के बीच एचडी देवेगौड़ा का ऐलान, "2024 का आम चुनाव लेफ्ट पार्टी के साथ मिलकर लड़ेंगे, सीताराम येचुरी मेरे संपर्क में हैं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 16, 2023 01:59 PM2023-04-16T13:59:43+5:302023-04-16T14:45:57+5:30
जेडीएस प्रमुख और देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा है कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव वाम दलों के साथ मिलकर लड़ेगी।
बेंगलुरु: कर्नाटक चुनाव के बीच देश के सियासी समीकरण में भी तेजी से बदलाव आ रहे हैं। जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) ने विधानसभा चुनाव के बीच अगले साल होने वाले देश के आम चुनाव को लेकर एक अहम घोषणा की है। जेडीएस प्रमुख और देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा है कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव वाम दलों के साथ मिलकर लड़ेगी।
कर्नाटक के दूसरे सबसे प्रभावशाली वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लूक रखने वाले और ओल्ड कर्नाटक में मजबूत पैठ रखने वाले एचडी देवेगौड़ा ने बीते शनिवार को बेंगलुरु में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। इसमें पार्टी की ओर से जारी किये गये 12 सूत्री चुनावी वादों पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए देवेगौड़ा ने कहा, "हम केरल में वामपंथी पार्टी के साथ सीटें साझा कर रहे हैं और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी मेरे संपर्क में हैं।"
मुस्लिमों के 4 फीसदी आरक्षण को खत्म किये जाने और लिंगायत के साथ-साथ वोक्कालिगा को 2-2 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण देने के सरकार के फैसले पर देवेगौड़ा ने कहा कि आरक्षण के संबंध में वह सभी समुदायों के प्रति निष्पक्ष रहे हैं। उन्होंने कहा, “कर्नाटक में मेरी वजह से वाल्मीकियों को एसटी आरक्षण दिया गया। हवानूर आयोग ने ग्रामीण वोक्कालिगाओं को सबसे पिछड़े के रूप में पहचाना और उन्हें 9 फीसदी आरक्षण मेरी प्रयासों से दिया। लेकिन इसके साथ ही मैंने मुसलमानों को 4 फीसदी, अति पिछड़ों को 1 फीसदी और वोक्कालिगा को 4 फीसदी आरक्षण दिये जाने को सुनिश्चित किया था।”
इसके साथ ही पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल को लेकर कहा कि वह एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर नहीं थे। उन्होंने कहा, “मैं 13 दलों का समर्थनप्राप्त एक निर्वाचित प्रधानमंत्री था। हमने तब कर्नाटक में 16 सीटें जीती थीं। ज्योति बसु ने मुझसे अनुरोध किया और मैंने न चाहते हुए भी उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया था।
मालूम हो कि एचडी देवेगौड़ा कर्नाटक के वोक्कालिगा समुदाय के सबसे प्रभावशाली नेताओं में एक माने जाते हैं। वैसे तो कर्नाटक की सियासत में लिंगायत समुदाय बेहद अहम माना जाता है क्योंकि इनकी जनसंख्या 17 फीसदी है लेकिन 15 फीसदी जनसंख्या के साथ वोक्कालिगा भी कर्नाटक की सियासत में अपना विशेष स्थान रखते हैं। ऐसे इसलिए क्योंकि ओल्ड कर्नाटक को लेते हुए वोक्कालिगा समुदाय सूबे की 224 सीटों में से लगभग 100 विधानसभा सीटों पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखते हैं।