हाथरस पीड़िता के भाई को सन्देह, यूपी पुलिस सुन रही है उनका और उनके परिजनों का फोन

By विनीत कुमार | Published: October 3, 2020 08:29 AM2020-10-03T08:29:16+5:302020-10-03T08:29:16+5:30

Hathras case in Hindi: हाथरस की पीड़िता के परिवार वाले आशंका जता रहे हैं कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और इस पर नजर रखी जा रही है कि वे कब किससे बात कर रहे हैं।

Hathras news in hindi victim's brother doubts UP police listening to his family's phone | हाथरस पीड़िता के भाई को सन्देह, यूपी पुलिस सुन रही है उनका और उनके परिजनों का फोन

हाथरस पीड़िता के परिवार पर पुलिस की घेराबंदी (फाइल फोटो)

Highlightsहाथरस पीड़िता के परिवार वालों को आशंका, उनके फोन पर की जा रही बात को सुना जा रहा हैपीड़िता का खुद को रिश्तेदार बताने वाले एक लड़के ने मीडिया से कहा- परिवार के कुछ लोगों के फोन छीने गए

हाथरस की पीडि़ता के गांव के अंदर और बाहर पुलिस की घेरबंदी है। बाहर से किसी भी शख्स को गांव में जाने की इजाजत नहीं है। मीडिया को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। इस बीच पीड़िता के भाई ने संदेह जताया है कि उसका और उसके परिवार वालों का फोन टैप किया जा रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के भाई ने फोन पर बहुत कम देर के लिए हुई बात में कहा, 'डीएम जी आए और कहा कि जब मीडिया यहां नहीं तो आपके वीडियो कैसे वायरल हो रहे हैं। लगता है उन्होंने कॉल डिटेल पे लगाया है।' 

परिवार की ओर से ये फोन रिकॉर्ड किए जाने का संदेह डीएम प्रवीण कुमार के एक वीडियो के वायरल होने के एक दिन बाद जताया गया है। इस वीडियो में डीएम परिवार से ये कहते दिख रहे हैं कि 'बयान बदलना उन पर (परिवार) है, फिर प्रशासन भी बदल सकता है।'

वीडियो में दरअसल प्रवीण कुमार पीड़िता के परिवार से कहते दिखर रहे हैं,  'आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत कीजिए...मीडिया वाले आधे चले गए हैं... कल सुबह आधे निकल जाएंगे...दो-चार बचेंगे कल शाम... हम आपके साथ खड़े हैं... अब आपकी इच्छा है कि आपको बयान बदलना है या नहीं बदलना है। अभी हम भी बदल जाएंगे।'

परिवार से संपर्क की कोशिश पर बाद फोन भी बंद

परिवार की ओर से अब तक यही जानकारी सामने आ सकी है कि उनसे केवल अधिकारी, एसआईटी और पुलिस के जवान मिल पा रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कई बार फोन से संपर्क की कोशिश की गई और पीड़िता के भाई समेत चचेरे भाई और चाचा को भी फोन किया गया। आखिर में केवल एक भाई ने फोन उठाया और कुछ देर बाद उसका भी फोन स्विच ऑफ हो गया।

इस बीच पीड़िता का खुद को चचेरा भाई बताने वाला एक लड़का बैरीकेड पर किसी तरह चढ़ कर पास की सड़क पर आने में कामयाब रहा। उसने शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे बताया कि बड़ी संख्या में पुलिस गांव के अंदर है। उसने कहा, 'बड़ी संख्या में अंदर पुलिस है। खासकर घर के बाहर खड़ी है। वे हमसे किसी से बात नहीं करने के लिए कह रहे हैं। परिवार वाकई मीडिया से बात करना चाहता है। हम दुकान भी नहीं जा रहे हैं। पुलिस छत पर भी मौजूद है।' 

परिवार वालों से फोन भी छीने जाने की बात

परिवार के कुछ लोगों के फोन भी छीने जाने की बात उस लड़के ने बताई है जो खेत से चोरी छिपे गांव की सीमा के पास आ गया था। यहीं मीडिया के कई लोग भी मौजूद हैं। उसने बताया, 'उन्होंने फोन ले लिया है। मेरे परिवार ने मुझे यहां मीडिया से बात करने के लिए भेजा है। मैं खेतों के रास्ते से यहां आया। वे हमें बाहर नहीं जाने दे रहे हैं और न ही अंदर किसी को आने दे रहे हैं। वे हमें भी धमका रहे हैं।' 

ये लड़का अभी ये सबकुछ बता ही रहा था कि एक पुलिस अधिकारी वहां आ गया और लड़का वहां से भाग गया। इसके बाद मीडिया ने जब पुलिसकर्मियों से सवाल किया कि आखिरी क्यों उन्हें परिवार से बात करने से रोका जा रहा तो कोई जवाब नहीं दिया गया। साथ ही मीडिया और सुरक्षाकर्मियों में बहस भी हुई।

बता दें कि पिछले महीने हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 19 साल की एक दलित महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार की बात सामने आई थी। घटना के बाद उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। 

इसके बाद पुलिस ने आननफानन में आधी रात को पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार भी करा दिया। इस पूरी घटना पर देश में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं और विपक्ष भी लगातार यूपी सरकार पर सवाल उठा रहा है।

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