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हाथरस पीड़िता के गांव की किलेबंदी में तैनात हैं यूपी पुलिस के 300 जवान और 17 गाड़ियां, 5 बैरीकेड पार करके ही परिजनों से मुलाकात संभव

By विनीत कुमार | Updated: October 3, 2020 07:41 IST

Hathras case in Hindi: हाथरस की पीड़िता के परिवार वालों से किसी बाहरी शख्स का मिलना आज की तारीख में बेहद मुश्किल है। पुलिस ने गांव के चारों ओर घेराबंदी कर रखी है। करीब 300 जवान गांव के अंदर और बाहर तैनात किए गए हैं।

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ठळक मुद्देहाथरस मामला: पीड़िता के गांव में पुलिस और प्रशासन की जबर्दस्त घेराबंदी, किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं29 सितंबर को हुई थी पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत, एसआईटी की जांच जारी

हाथरस की पीड़िता के गांव में पुलिस और प्रशासन की जबर्दस्त घेराबंदी है। किसी को भी गांव से बाहर आने या बाहर से किसी को गांव के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। गांव की जिस तरह घेराबंद की गई है, उसे लेकर अब पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।

इंडिनय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित इस गांव के बाहर यूपी पुलिस के 300 से ज्यादा जवान तैनात हैं। पुलिस की 17 गाड़ियां मौजूद हैं और पांच बैरीकेड लगाए गए हैं। इस गांव की रहने वाली 19 साल की एक दलित महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार की बात सामने आई थी। 

लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने आधी रात को पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार भी करा दिया। इस पूरी घटना पर देश में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं और विपक्ष भी लगातार यूपी सरकार पर हमलावर है।

गांव से 2.5 किलोमीटर पहले पहला बैरीकेड

पीड़िता के गांव में बाहर से कोई दाखिल नहीं हो, इसे लेकर प्रशासन कितना मुस्तैद है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांव से करीब 2.5 किलोमीटर पहले ही पुलिस का पहला बैरीकेड है। यही वो जगह है जहां शुक्रवार को टीएमसी के सांसद डेरेक ओब्रायन, काकोली घोष, प्रतिमा मंडल और पूर्व सासंद ममता ठाकुर की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई थी।

इससे पहले गुरुवार को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी हाथरस जाने की कोशिश की थी। हालांकि, उन्हें ग्रेटर नोएडा में ही पुलिस ने रोक लिया और हिरासत में ले लिया था।

बहरहाल, पीड़िता के गांव में ही और उसके आसपास करीब 250 पुलिसकर्मी तैनात हैं। एक सीनियर पुलिस अधिकारी के अनुसार पीएसी की कम से कम चार यूनिट (करीब 48 जवान) भी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा दमकल की दो गाड़ियां, पीएस की दो बसें, तीन ट्रक और केवल यूपी पुलिस की 12 गाड़ियां मौजूद हैं।

गांव की घेराबंदी पर पुलिस क्या कह रही है

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मी़डिया सहित पार्टी नेताओं या किसी को भी गांव के अंदर जाने की इजाजत नहीं है। उसने बताया, 'हमें कहा गया है कि कोई गांव में दाखिल नहीं हो सके। वहां अंदर एक अस्पताल है इसलिए कोई समस्या नहीं है। हम दूध के वैन को अंदर जाने दे रहे हैं।'

वहीं, अलिगढ़ रेंज के आईजी पीयूष मोर्डिया ने मीडिया को बताया, 'जब तक जिले में एसआईटी मौजूद है। ये संवेदनशील मामला है। जैसे ही एसआईटी चली जाती है, बैरीकेड हटा दिए जाएंगे और आप आसानी से जा सकेंगे।'

वहीं, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हाथरस के अलावा मथुरा, आगरा, अलीगढ़, कासगंज और एटा से भी पुलिस के जवान यहां बुलाए गए हैं। उसने कहा- 'हम तीन दिनों से 12-12 घंटे की ड्यूटी पर हैं।'

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