Hathras horror: लड़की से नहीं हुआ रेप, ADG प्रशांत कुमार बोले-जातीय तनाव पैदा करने की कोशिश, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 1, 2020 20:42 IST2020-10-01T20:42:15+5:302020-10-01T20:42:15+5:30
कल पीड़ित परिवार के 6 सदस्यों के साथ बैठकर 1 से 1.5 घंटे तक मेरी बातचीत हुई। उन्होंने सभी मांगों पर सहमति दी। उनपर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं था। हमारे पास बातचीत का वीडियो भी है : हाथरस जिलाधिकारी पी.के. लक्षकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल गठित किया।
लखनऊः उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि हाथरस कांड में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ बलात्कार नहीं हुआ था।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने यहां कहा कि दिल्ली के एक अस्पताल के मुताबिक दलित युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई थी। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ जाहिर होता है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ।
एडीजी प्रशांत कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने हाथरस मामले में तुरंत कार्यवाही की और अब हम उन लोगों की पहचान करेंगे जिन्होंने माहौल खराब करने और प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश की।’’
अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल गठित किया। इस घटना में जो लोग भी शामिल हैं उन्हें कतई बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मेडिकल रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार के खिलाफ गलत बयानी की गई और पुलिस की छवि को खराब किया गया। हम पड़ताल करेंगे कि यह सब किसने किया। यह एक गंभीर मामला है और सरकार तथा पुलिस महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर बेहद संजीदा है।’’
उत्तर प्रदेश महिलाओं के प्रति अपराधों में सजा दिलाने के मामले में शीर्ष पर रहा
उन्होंने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 और 2019 में उत्तर प्रदेश महिलाओं के प्रति अपराधों में सजा दिलाने के मामले में शीर्ष पर रहा है। गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा क्षेत्र में 19 वर्षीय एक दलित लड़की से कथित रूप से बलात्कार किया गया था।
वारदात के दौरान गला दबाए जाने से उसकी जबान भी कट गई थी। लड़की को पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां गत मंगलवार को उसकी मौत हो गई। इस घटना की पूरे देश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे और अब इस पर सियासत भी खासी गर्म हो गई है।
उन्होंने कहा कि वारदात के बाद युवती ने पुलिस को दिए गए अपने बयान में भी अपने साथ बलात्कार होने की बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा कि उसने सिर्फ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था। पिछले सप्ताह शनिवार को हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर ने बताया था कि 14 सितंबर को चंदपा पुलिस थाने के एक गांव में एक 19 साल की दलित लड़की को संदीप (20) नाम के एक लड़के ने मारने का प्रयास किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि लड़की अपनी मां के साथ खेत गयी थी और वहां से वह गायब हो गयी।
गला दबाने की कोशिश की गयी जिससे उसकी जबान उसके दांतों के नीचे आकर कट गयी
उन्होंने बताया था कि लड़की का गला दबाने की कोशिश की गयी जिससे उसकी जबान उसके दांतों के नीचे आकर कट गयी, बाद में वह कुछ दूरी पर खून से लथपथ पायी गयी। उन्होंने बताया कि संदीप को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया और लड़की को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। लड़की ने पहले दिन बलात्कार की बात नहीं बतायी थी। उन्होंने बताया कि बाद में लड़की ने अपने बयान में बताया था कि उसके साथ संदीप के अलावा तीन और युवकों रामू, लवकुश और रवि ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश में उसका गला दबाया जिससे उसकी जबान कट गयी।
The FSL report has make it clear that the woman was not raped: UP Additional Director General of Police (Law and Order) Prashant Kumar on Hathras case pic.twitter.com/lEyAWi3jIA
— ANI UP (@ANINewsUP) October 1, 2020
एसपी विक्रांत ने बताया था कि बाद में रामू और लवकुश को गिरफ्तार किया गया और शनिवार को चौथे आरोपी रवि को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया था कि इन सबके खिलाफ सामूहिक बलात्कार, जान से मारने का प्रयास के अलावा एससी/ एसटी एक्ट में भी मामला दर्ज करके जेल भेज दिया गया है। हाथरस के अपर पुलिस अधीक्षक प्रकाश कुमार ने पत्रकारों को बताया था कि पहले आरोपियों के खिलाफ जान से मारने के प्रयास की धारा जोड़ी गयी थी बाद में जानकारी मिलने के बाद इन चारों के खिलाफ 376 डी (सामूहिक दुष्कर्म) की धारा जोड़ी गयी थी।
हाथरस के पुलिस अधीक्षक से उस दिन जब यह पूछा गया था कि घटना के 12 दिन हो गये हैं लड़की की मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है या नहीं। तो उन्होंने बात को टालते हुये कहा था, ‘‘मेडिकल रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में है, अभी उसे देखा नहीं गया है लेकिन हमने आरोपियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार की धारा मामले में जोड़ दी है।’’
#WATCH Postmortem report says victim died due to her neck injury. FSL report hasn't found sperm in samples, making it clear that some ppl twisted the matter to stir caste-based tension. Such people will be identified & legal action will be taken: ADG Prshant Kumar on Hathras case pic.twitter.com/qMOUct7t92
— ANI UP (@ANINewsUP) October 1, 2020