Hathras Case: कोर्ट ने पुलिस अधिकारी से पूछा, आपकी बेटी होती तो आप बिना देखे अंतिम संस्कार होने देते?, जानें इस मामले की 10 बड़ी बातें
By अनुराग आनंद | Published: October 12, 2020 09:09 PM2020-10-12T21:09:11+5:302020-10-12T21:35:32+5:30
हाथरस मामले में जान गंवाने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की के माता-पिता समेत पांच परिजन कड़ी सुरक्षा में कोर्ट पहुंचे थे।
लखनऊः हाथरस केस को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में सुनवाई हुई। अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने कहा कि अगली सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख नियत की है।
इंडिया टुडे रिपोर्ट की मानें तो हाथरस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) से कहा कि यदि आपकी बेटी होती तो क्या आप बिना देखे अंतिम संस्कार होने देते?
इस बात की जानकारी पीड़ित परिवार के लोगों ने मीडिया को दी है। बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में हाथरस मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिजन अदालत के समक्ष उपस्थित हुये।
इस मामले से जुड़ी अब तक की 10 बड़ी बातें-
- खबर है कि हाथरस मामले में SC 15 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। यूपी सरकार का अतिरिक्त हलफनामा काम नहीं आया।
- हाथरस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता वी.के. शाही ने कहा कि कोर्ट ने पीड़ित परिवार के लोगों से पूछताछ की है। हमारे उच्च अधिकारियों से भी कोर्ट ने पूछताछ की है। मामला अभी विचाराधीन है। मामले में अगली तारीख 2नवंबर है।
- हाथरस पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि पीड़ित परिवार ने मांग की है कि सीबीआई की रिपोर्ट को गोपनीय रखा जाए। हमारी दूसरी मांग थी कि मामला यूपी से बाहर ट्रांसफर किया जाए और तीसरी मांग यह है कि मामला जब तक पूरी तरह से खत्म नहीं होता तब तक परिवार को सुरक्षा प्रदान किया जाए।
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और मौत के मामले की सुनवाई सोमवार को दोपहर बाद शुरू हुई। इस दौरान पीड़िता के परिजन अदालत के समक्ष उपस्थित हुये।
- न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सोमवार को दोपहर बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई, इस दौरान पीड़ित परिवार अदालत में मौजूद रहा।
- गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के साथ-साथ हाथरस के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी अदालत में उपस्थित हुए।
- हाथरस के जिला अधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने अदालत से कहा कि कथित बलात्कार पीड़िता के शव का रात में अंतिम संस्कार करने का फैसला कानून और व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर किया गया था और ऐसा करने के लिए जिला प्रशासन पर प्रदेश शासन का कोई दबाव नहीं था।
- पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख दो नवंबर नियत की। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता वीके साही अदालत में मौजूद रहे। इससे पहले, हाथरस मामले में जान गंवाने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की के माता-पिता समेत पांच परिजन कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार सुबह छह बजे हाथरस से लखनऊ रवाना हुए और दोपहर बाद अदालत परिसर पहुंचे।
गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र में 19 साल की एक दलित लड़की से अगड़ी जाति के चार युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था।
- इस घटना के बाद हालत खराब होने पर उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां गत 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गई थी।
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने गत एक अक्टूबर को हाथरस कांड का स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक हाथरस को घटना के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 12 अक्टूबर को अदालत में तलब किया था।