'पार्टी और नेता नहीं देखते, हिंसा भड़काने वाले कंटेंट पर रोक', हेट स्पीच विवाद पर फेसबुक ने दी सफाई
By स्वाति सिंह | Updated: August 17, 2020 11:45 IST2020-08-17T08:01:04+5:302020-08-17T11:45:26+5:30
अमेरिकी अखबार ने शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम भीतरी सूत्रों के साथ साक्षात्कारों का हवाला दिया है। इसमें दावा किया गया है कि उसके एक वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सामुदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी।

हेट स्पीच विवाद पर फेसबुक ने जारी किया बयान
नई दिल्ली: वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में फेसबुक द्वारा भारत में सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर घृणा भाषण संबंधी नियमों को लागू करने में लापरवाही का दावा किये जाने के बाद रविवार को कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गये। इस बीच फेसबुक का बयान भी सामने आया है। फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, हम ऐसे भाषण और कंटेंट पर रोक लगाते हैं जो हिंसा भड़काता है। निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए हम अपनी प्रक्रिया का नियमित ऑडिट करते हैं।
बता दें कि अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, फेसबुक ने हेट स्पीच के नियमों के तहत बीजेपी नेता पर कार्रवाई नहीं की थी। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक को डर था कि इससे भारत में उसका ऑपरेशन प्रभावित हो सकता है।
फेसबुक ने दी सफाई
अपने ऊपर लग रहे आरोपों के बाद फेसबुक ने ये सफाई जारी की। फेसबुक ने कहा, हम हेट स्पीच और ऐसे कंटेंट पर रोक लगाते हैं जो हिंसा भड़काता है। हम ये नीति वैश्विक स्तर पर लागू करते हैं। हम किसी की राजनीतिक स्थिति या जिस भी पार्टी से नेता संबंध रख रहा नहीं देखते हैं। फेसबुक ने कहा, हम जानते हैं कि हमें इसपर और कार्य करना है। हम निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रक्रिया का नियमित ऑडिट करते हैं।
राहुल गांधी का हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रिपोर्ट को लेकर भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फेसबुक तथा वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए ‘फर्जी खबरें’ फैलाने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने रिपोर्ट में लगाये गये आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग करते हुए कहा कि ये भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद के लिए खतरा हैं और इनकी जांच की जानी चाहिए।
इससे पहले राहुल ने रिपोर्ट की एक तस्वीर डालते हुए ट्वीट किया था और भाजपा एवं संघ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक तथा वॉट्सऐप पर नियंत्रण करते हैं। वे इसके माध्यम से फर्जी खबरें तथा नफरत फैलाते हैं और मतदाताओं को लुभाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। अंतत: अमेरिकी मीडिया ने फेसबुक के बारे में सच सामने ला दिया है।’’
रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर किया पलटवार
इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दल को कैंब्रिज एनालिटिका मुद्दे की याद दिलाने का प्रयास किया। प्रसाद ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ‘‘जो हारने वाले लोग अपनी ही पार्टी में लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते, वे ऐसा माहौल बनाते रहते हैं कि पूरी दुनिया पर भाजपा और आरएसएस का नियंत्रण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप चुनाव से पहले आंकड़ों को हथियार बनाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका तथा फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथ पकड़े गये थे और अब हमसे सवाल पूछने की धृष्टता कर रहे हैं।’’ राहुल के बयानों पर जवाब देते हुए प्रसाद ने यह भी कहा, ‘‘सच यह है कि आज सूचना प्राप्त करने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लोकतांत्रिक रूप दिया गया है। अब इन पर आपके परिवार के अनुयायियों का कब्जा नहीं रहा है और इसलिए यह बात आपको चुभती है।’’


